भागलपुर : अपने एक दिवसीय दौड़े पर बिहार सरकार के श्रम संसाधन मंत्री भागलपुर के प्रभारी मंत्री के नेतृत्व में भागलपुर में हो रहे विकास योजनाओं को लेकर बैठक आयोजित किया गया था। इस बैठक के पूर्व मंत्री ने प्रेसवार्ता को संबोधित किया।
इस दौरान मंत्री ने कहा कि आज का प्रेसवार्ता कर मुख्य उद्देश्य यह था कि भागलपुर में जिस तरह गंगा और कोसी ने तबाही मचाई है वहां के बाढ़ पिड़ित के लिए जिला प्रशासन के तरफ से समुचित व्यवस्था किया गया है या नहीं । मंत्री ने कहा कि आपदा के समय में राहत शिविर का निर्माण सरकारी संस्था में किया जाता है और यदि किसी निजी स्कूल और कॉलेज में किया जाता है। तो वहां के लोगों से बात करके निर्माण कराया जाता है।
इसको लेकर जब मीडिया के द्वारा पूछा गया कि पिछले कई वर्षों से नाथनगर क्षेत्र के बाढ़ पिड़ित तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के टिल्ला कोठी में शरण लेते थे। लेकिन इस बार विश्वविद्यालय के कुलपति के द्वारा सभी बाढ़ पीड़ित को भगा दिया गया है। इसको लेकर मंत्री ने कड़े शब्दों में कहा कि यदि इस तरह का किसी भी पदाधिकारी या कर्मचारी के द्वारा किया गया है तो उस पर विधि सम्मत कार्रवाई किया जाएगा।
आगे उन्होंने यह भी कहा कि अभी आपदा के समय में सभी लोगों को मदद के लिए हाथ बढ़ाना चाहिए क्योंकि पहले मानव है तब विश्वविद्यालय। इसलिए इसका जांच करने के बाद कार्रवाई होना तय मानिए।