प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत और डिजिटल रूप से सक्षम अर्थव्यवस्था के विजन के अनुरूप, कोयला मंत्रालय ने सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम (एसडब्ल्यूसीएस) पोर्टल पर माइन ओपनिंग परमिशन (खदान खोलने की अनुमति) मॉड्यूल लॉन्च किया है। कोयला मंत्रालय में सचिव विक्रम देव दत्त ने 7 नवंबर 2024 को नए मॉड्यूल का उद्घाटन किया। इस परिवर्तनकारी पहल का उद्देश्य कोयला खदानों को खोलने के लिए अनुमोदन की प्रक्रिया को सरल और तेज करना है।
डिजिटल सॉल्यूशंस मॉड्यूल अपनाने से पारदर्शिता को मिलेगा बल
डिजिटल सॉल्यूशंस का दोहन करते हुए, यह मॉड्यूल पारदर्शिता बढ़ाता है, दक्षता में सुधार करता है और प्रसंस्करण में लगने वाले समय को कम करता है। यह कदम कारोबारी सुगमता को पर्याप्त रूप से बढ़ावा देता है, अधिक निवेश-अनुकूल वातावरण बनाता है और तेजी से अनुमोदन का समर्थन करता है। यह नया मॉड्यूल कोयला क्षेत्र के विकास को गति देगा, इससे भारत की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूती मिलेगी। साथ ही, यह मॉड्यूल देश के आत्मनिर्भरता और सतत विकास के विजन में योगदान देगा।
नये कोयला भंडार खोलने की अनुमति प्राप्त करना होगा सरल
11 जनवरी 2021 को शुरू हुआ सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम (एसडब्ल्यूसीएस) कोयला खदानों को चालू करने के लिए आवश्यक सभी मंजूरी और अनुमोदन प्राप्त करने के लिए एक एकीकृत मंच प्रदान करता है। इसकी एक अन्य खूबी माइन ओपनिंग परमिशन मॉड्यूल है, जो नई खदानें शुरू करने या नए कोयला भंडार खोलने की अनुमति प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल और तेज करता है। ऑनलाइन आवेदन और वास्तविक समय के आधार पर निगरानी की अनुमति देकर, प्लेटफॉर्म मैन्युअल कागजी कार्रवाई को समाप्त करता है, प्रसंस्करण समय को कम करता है। साथ ही, इससे पारदर्शिता और दक्षता बढ़ती है। यह सुव्यवस्थित दृष्टिकोण कोयला उद्योग में अधिक कुशल, निवेश-अनुकूल वातावरण को बढ़ावा देता है।