पुलिस वर्दी में फर्जी आईपीएस बनकर घूमने वाले मिथिलेश मांझी के मामले में हैरान कर देने वाले खुलासे हुए हैं। दरअसल, पुलिस ने 20 सितंबर को मिथिलेश मांझी को पकड़ा था। पकड़े जाने पर मिथिलेश मांझी ने पुलिस को बताया था कि उसने मनोज कुमार नाम के शख्स को 2 लाख रुपए देकर आईपीएस की वर्दी प्राप्त की है। वहीं, अब पुलिस जांच में एक अलग ही कहानी निकल कर सामने आ रही है।
मिथिलेश सोशल मीडिया पर वीडियोज बना मांग रहा व्यूज
जमुई के एसडीपीओ सतीश सुमन ने बताया कि मिथिलेश मांझी की तरफ से जितने भी बयान दिए गए है, पुलिस जांच में सब मनगढंत व झूठे साबित हो रहे हैं। पुलिस जांच के मुताबिक मिथिलेश मांझी से ठगी नहीं हुई थी, उसने खुद ये ड्रेस सिलवाया था। वहीं, अब मिथिलेश ने अब अपना यूट्यूब चैनल बना लिया है, व्लॉग बना रहा है, गाना वगैरह भी रिलीज कर रहा है। लोगों से वीडियोज पर व्यूज मांग रहा है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है, फिलहाल वह फरार है।
मिथिलेश का दिया कोई भी बयान पुलिस जांच से मेल नहीं खाता
जमुई के एसडीपीओ सतीश सुमन ने कहा कि चार मनोज सिंह की पहचान मिथिलेश मांझी से कराई गई, लेकिन मिथिलेश ने उनकी पहचान उस व्यक्ति के रूप में नहीं की, जिसने ठगी की। इसके अलावा मिथिलेश ने मनोज सिंह के दो मोबाइल नंबर दिए थे, जो कि इनएक्टिव मिले। साथ ही उसके मामा ने भी एकमुश्त दो लाख रुपये मिथिलेश को देने की बात से इनकार कर दिया। इस तरह पुलिस जांच में मिथिलेश मांझी की बताई एक भी बात सच नहीं निकली।
पुलिस द्वारा की जा सकती है मिथिलेश की गिरफ्तारी
पुलिस वर्दी में फर्जी आईपीएस बनकर घूमने वाले मिथिलेश मांझी बीते कुछ दिनों से खूब सुर्खियां बटोर रहा था। वहीं, अब पुलिस जांच में जो तथ्य निकलकर सामने आए है, उससे पुलिस को भी लग रहा है कि मिथिलेश मांझी द्वारा जानबूझ कर सारी कहानी रची गई थी। साथ ही पुलिस अधिकारी ने कहा अगर मिथिलेश द्वारा बताई सारी बातें जांच में गलत साबित हो गई तो पुलिस को गुमराह करने के आरोप में उसकी गिरफ्तारी भी की जाएगी।