मॉडल दिव्य पाहुजा के लाश को BMW से लगाया ठिकाने, 150 किलोमीटर तैरता रहा शव, पढ़े मर्डर मिस्ट्री

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बीते 2 जनवरी को गुरुग्राम के सिटी प्वाइंट होटल में हुई मॉडल दिव्या पाहुजा हत्याकांड को लेकर पुलिस ने आखिरकार 11 दिन बाद शव को ढूंढ लिया है. गुरुग्राम पुलिस ने प्रेस वार्ता की उसमें बताया कि फतेहाबाद की टोहाना कैनाल से दिव्या पाहुजा के शव को बरामद कर लिया गया है. शव के साथ-साथ गुरुग्राम पुलिस ने इस मामले से जुड़े एक नए आरोपी को भी गिरफ्तार किया है जिसका नाम प्रवेश बताया जा रहा है. वो रोहतक के किलोद गांव का रहने वाला है और अभिजीत को हथियार मुहैया करने का एक नया सूत्रधार है.

वरुण दहिया (एसीपी क्राइम, गुरुग्राम पुलिस) ने बताया कि अब तक पुलिस छह आरोपियों को गिरफ्तार  कर चुकी है जिसमें सबसे पहले 2 तारीख को अभिजीत हेमराज और ओमप्रकाश को गिरफ्तार किया गया. उसके बाद दो दिन बाद मेघा नजफगढ़ से गिरफ्तार हुई तो बलराज 11 तारीख को कोलकाता से एयरपोर्ट के बाहर गिरफ्तार किया गया. दिव्या पाहुजा मौत की गुत्थी पुलिस सुलझा रही थी और आरोपी उलझा रहे थे मगर यह गुत्थी अचानक जब सुलझती चली गई जब दिव्या पाहुजा का शव बरामद कर लिया गया.

अब गुरुग्राम पुलिस के पास ढूंढने के लिए सिर्फ हत्या का वाजिब कारण है. हालांकि पुलिस ने बताया कि आपसी विवाद के चलते हत्या को अंजाम दिया गया. मगर हत्या के बाद से ही लगातार ब्लैकमेलिंग, गैंगस्टर की साजिश जैसे कयास दिव्या के परिजन लगा रहे हैं. पूरे मामले की गुत्थी को सुलझा लिया जाएगा और इस हत्या से जुड़े अगर कोई बड़े नाम निकलकर सामने आते हैं तो उनको भी घसीट कर सलाखों के पीछे भेज दिया जाएगा.
दरअसल गुरुग्राम पुलिस ने शुरुआत में दावा किया था कि अभिजीत ने ब्लैकमेलिंग से तंग आकर दिव्या की हत्या कर दी लेकिन अभी तक गुरुग्राम पुलिस को हत्या में इस्तेमाल ना तो हथियार मिला है और ना ही दिव्या को वो मोबाइल मिला है जिसमें अभिजीत ने अपनी अश्लील फोटो होने का दावा किया था. गुरुग्राम पुलिस ने बलराज गिल को गिरफ्तार किया तो दिव्या की डेड बॉडी की सही लोकेशन मिली. तब गुरुग्राम पुलिस ने 11 दिन बाद दिव्या के शव को ढूंढने में कामयाब रही.

हालांकि अभी भी बलराज गिल के साथ दिव्या के शव को ठिकाने लगाने में मददगार रहा रवि बंगा फरार ही, जिसकी गुरुग्राम पुलिस तलाश कर रही ही. बलराज गिल और रवि बंगा, दोनों ने ही तीन जनवरी को सुबह सूरज निकलने से पहले ही दिव्या की डेड बॉडी को ठिकाने लगा दिया था फिर बीएमडब्ल्यू गाड़ी को पटियाला बस स्टैंड पर खड़ी कर फरार हो गए थे. दोनों पटियाला से बस में बैठ पहले हरियाणा के भिवानी पहुंचे और उसके बाद भिवानी से जयपुर होते हुए उदयपुर पहुंचे.

इसके बाद बलराज और रवि यूपी के कानपुर पहुंचे और फिर ट्रेन से हावड़ा जा पहुंचे. पुलिस का दावा है कि हावड़ा से रवि और बलराज अलग-अलग हो गए. बलराज जैसे ही एयरपोर्ट पहुंचा तो गिरफ्तार कर लिया गया. यहीं से गुरुग्राम पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली. बलराज की गिरफ्तारी के बाद ही दिव्या के शव को ढूंढा जा सका.

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