दरभंगा एम्स को लेकर केंद्र और बिहार सरकार के बीच घमासान तेज होता जा रहा है. केंद्र सरकार ने राज्य सरकार के द्वारा शोभन में उपलब्ध करायी गयी जमीन को रिजेक्ट कर दिया है. इसको लेकर जदयू ने बीजेपी पर बड़ा हमला है. जदयू प्रदेश कार्यालय में पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने दरभंगा एम्स निर्माण को लेकर केंद्र की बीजेपी सरकार पर अड़ंगा लगाने का गंभीर आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि केंद्र की दरभंगा में एम्स के निर्माण की कोई मंशा नहीं है और वो जान बूझकर मामले को लटकाना चाहती है।
जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि दरभंगा एम्स के निर्माण के लिए राज्य सरकार को जमीन की तलाश और उसका विकास कर केंद्र को सौंपनी थी और जब राज्य सरकार ने जमीन का चयन कर लिया और उसके विकास के लिए 309 करोड़ का टेंडर जारी कर दिया. तब केंद्र सरकार ने उस जमीन को निर्माण कार्य के लिए उपयुक्त नहीं पाया और एम्स के निर्माण की योजना को रद्द कर दी. उन्होंने कहा कि एम्स के निर्माण के लिए कहीं भी ग्रीन फील्ड एरिया की जरुरत होती है और राज्य सरकार ने शोभन एकमी बाईपास के पास जो जमीन एम्स के निर्माण के लिए मुहैया करायी वो सभी पात्रता को पूरी करता है।
वहीं जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. सुनील कुमार सिंह ने कहा कि जमीन की जांच के लिए दरभंगा आयी टीम ने पहले तो इस जमीन को उपयुक्त बताया और फिर उसे बाद में रद्द कर दिया. उन्होंने कहा कि जब राज्य सरकार ने शोभन बाईपास की जमीन का विकास कर केंद्र को सौंपने की बात कही थी तब उसे केंद्र सरकार ने कैसे रद्द कर दिया. उन्होंने कहा कि सरकार ने बेहतर कनेक्टिविटि के लिए एम्स के पास फोरलेन बनाए जाने का भी भरोसा दिलाया, साथ ही वो जमीन दरभंगा एयरपोर्ट के पास भी है. ऐसे में बाहर के डॉक्टरों को वहां आने जाने में भी दिक्कत नहीं होती. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मिथिलांचल के विकास को मोदी सरकार रोकना चाहती है।
बता दें कि दरभंगा में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का निर्माण करीब तीन साल से जमीन के पेंच में फंसा हुआ है. इसके लिए बिहार से लेकर दिल्ली तक माथापच्ची चल रही है. पहले डीएमसीएच की जमीन एम्स के लिए चिन्हित की गई तो कई तकनीकी कारणों से बिहार सरकार ने एम्स के निर्माण को लेकर डीएमसीएच के बजाय बहादुरपुर के शोभन में जमीन आवंटित की गई. शोभन में निर्माण कार्य के लिए मिट्टी भराई समेत अन्य कार्य शुरू करने के लिए टेंडर हो गया. तब केंद्रीय टीम ने शोभन की जमीन को एम्स के लिए अनुपयुक्त बता दिया. इस चक्कर में एम्स का निर्माण का कार्य टल रहा है. 15 सितंबर, 2020 को केंद्रीय कैबिनेट ने इसकी मंजूरी दी थी. दरभंगा में एम्स के निर्माण कार्य को 2024 तक पूरा करना था।