Mohammed Siraj: ऑटो चलाते थे पिता, कभी पंचर बनवाने के लिए भी लेना पड़ता था उधार, जानें सिराज के संघर्ष की अनोखी कहानी

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एशिया कप 2023 के फाइनल में मोहम्मद सिराज ने अपनी गेंदबाजी से सभी का दिल जीत लिया। सिराज ने श्रीलंका के खिलाफ खेले गए खिताबी मुकाबले में 6 विकेट लिए और मेजबान टीम के बल्लेबाजों की खटिया खड़ी कर दी। उनके इसी प्रदर्शन के चलते भारतीय टीम ने एशिया कप का खिताब जीता। सिराज आज भले ही स्टार हों लेकिन उनका बचपन काफी संघर्ष से भरा हुआ रहा है।

गरीबी में बीता बचपन

मोहम्मद सिराज आज भले ही करोड़ों की संपत्ति के मालिक हो लेकिन बचपन से ऐसा नहीं था। सिराज का जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था। उनके पिता ऑटो रिक्शा चालक थे और मां घर का काम करती थी। सिराज को बचपन से ही क्रिकेट का शौका था और वे अपने मामा के साथ क्रिकेट एकेडमी में खेला करते थे। एक दिन उन्होंने 9 विकेट लिए थे जिसके बाद सभी को उनका भविष्य इसी खेल में दिखने लग गया था।

पंचर बनवाने के लिए दोस्तों से लेते थे उधार

सिराज के पिता के पास भले ही कम संसाधन हो लेकिन वे फिर भी अपने बेटे का सपना पूरा करने की हरसंभव कोशिश करते थे। उन्होंने सिराज को अच्छी क्रिकेट एकेडमी में भर्ती कराया था जो कि उनके घर से दूर थी। इसके लिए सिराज बाइक से जाते थे।

स्टार गेंदबाज ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनके पिता रोज 70 रुपए देते थे जिसमें से 60 रुपए पेट्रोल में चले जाते थे और बचे हुए 10 का वे कुछ खा लेते थे। ऐसे में जब कभी टायर पंचर हो जाता था तो उन्हें अपने दोस्तों से भी उधार लेना पड़ जाता था।

रणजी में किया परफॉर्म, आईपीएल ने बदली किस्मत

मोहम्मद सिराज को भले ही लोग आईपीएल में उनके प्रदर्शन से पहचानते हैं। लेकिन उन्होंने इस टूर्नामेंट से पहले रणजी ट्रॉफी में कमाल किया था। 2016 में आरसीबी के लिए नेट बॉलर की तरह काम करने वाले सिराज को पहले सनराइजर्स हैदराबाद और फिर आरसीबी के लिए खेलने का मौका मिला। इसे सिराज ने दोनों हाथों से कबूला और विकेटों की झड़ी लगाकर टीम इंडिया में अपनी जगह पक्की कर ली। आज वे वनडे रैंकिंग में भारत के टॉप गेंदबाज हैं।

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