जहां एक तरफ सरकार कहती है कि बिहार डिजिटल हो रहा है लेकिन धरातल की कहानी और ही बयां कर रही है. बता दें कि कैमूर जिले में हुई पहली बारिश ने ही मोहनिया अनुमंडलीय अस्पताल के व्यवस्था और नगर निगम की पोल खोल कर रख दी है. पानी निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होने से मोहनिया अनुमंडल अस्पताल परिसर सहित सभी कमरों में नाले का गंदा पानी घुस गया है, यही नहीं उसी जलजमाव के बीच मरीजों का इलाज भी हो रहा है।
ओटी रूम सहित कई जगहों पर जलजमाव: मोहनिया अनुमंडलीय अस्पताल को बुधवार को हुई पहली मूसलाधार बारिश ने अनुमंडल अस्पताल को जलमग्न कर दिया है. जिसका नतीजा यह हुआ कि अस्पताल के ट्रामा सेंटर, ओटी रूम सहित कई जगहों पर पानी भर गया है. नाले का गंदा पानी अस्पताल में घुसने लगा है, जिसका नतीजा यह है कि जलजमाव के बीच ही बेड पर मरीजों का इलाज करने के लिए डॉक्टर भी मजबूर हो गए हैं. यही नहीं अस्पताल में आने वाले मरीज और उनके परिजन को घुटने भर पानी में कपड़े उपर कर अस्पताल के अंदर आना पड़ रहा है।
अस्पताल में घुसा नाले का पानी: मोहनिया अनुमंडल अस्पताल में चिकित्सक डॉ. विजय कुमार कुमार ने बताया कि बारिश की वजह से नाले और बारिश का पानी अस्पताल के वार्ड में भर गया है. जिसके कारण भर्ती मरीजों का बेड पर ही इलाज किया जा रहा है. वहीं मोहनिया अनुमंडलीय अस्पताल में इलाज करने आए मरीज प्रमोद कुमार ने बताया कि काफी परेशानी हो रही है. अस्पताल की स्थिति काफी खराब है।
“बारिश के कारण यहां नाले का पानी अंदर घुस गया है. गंदे पानी से अस्पताल के सभी वार्ड में भी मरीजों को परेशानी हो रही है. इस जलजमाव के बीच मरीजों का इलाज किया जा रहा है.”-प्रमोद कुमार, मरीज
लो लैंड के कारण भरा पानी: वहीं अनुमंडलीय अस्पताल मोहनिया के उपाधीक्षक डॉ.बदरुद्दीन अंसारी ने बताया कि “लो लैंड के कारण पानी भर जाता है. अस्पताल मुख्य सड़क से और नाले से नीचे होने के कारण अस्पताल में पानी का जलजमाव हो गया है. जहां पानी इमरजेंसी वार्ड और अस्पताल परिसर में भर गया है. बारिश खत्म हो जाएगा तो पानी की निकासी की जाएगी, जिसके लिए हमलोग लगे हुए हैं.”