मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कारा उद्योग के ब्रांड ‘मुक्ति’ शुरुआत की। सरदार पटेल भवन स्थित संग्रहालय में मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम यह ब्रांड जारी किया गया। जेल में कैदियों द्वारा निर्मित सामग्री की प्रदर्शनी भी लगायी गयी।
बिहार के जेलों में बंद कैदी 100 से अधिक सामग्री का निर्माण कर रहे हैं। इसमें मसाला, सत्तू, ब्रेड, हर्बल चाय, सूती वस्त्रत्त्, खादी वस्त्रत्त्, काष्ठ उद्योग, हस्तशिल्प, मुद्रण सामग्री, चप्पल उद्योग, होम केयर, खाद्य, लौह, कागज आदि सामग्री का उत्पादन किया जा रहा है। कारा महानिरीक्षक शीर्षत कपिल अशोक ने बताया कि इस समय बिहार की 8 केन्द्रीय व 2 मंडल काराओं, कुल 10 जेलों में कारा उद्योग संचालित है।
इसके द्वारा करीब 1000 सश्रम सजावार बंदियों को रोजगार प्राप्त हो रहा है। इसके लिए बंदियों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। बिहार के जेलों में एक जेल-एक उत्पाद की योजना पर काम हो रहा है। इस योजना में 33 मंडल कारा और 17 उप काराओं को शामिल करने की योजना है। यहां कारा उद्योग स्थापित किया जाएगा।
कारा महानिरीक्षक ने कहा कि कारा उद्योग द्वारा निर्मित उत्पादों की बिक्री से प्राप्त राजस्व को बंदियों के अपराध से पीड़ित परिवार के कल्याणार्थ खर्च किया जाता है। साथ ही इसका कुछ हिस्सा बंदी कल्याण कोष में जाता है,
इन जेलों की सामग्री की लगी प्रदर्शनी केन्द्रीय कारा बेऊर, बक्सर, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, गया, विशेष केन्द्रीय कारा भागलपुर, शिविर मंडल कारा फुलवारीशरीफ, मंडल कारा छपरा