देश के हवाई अड्डों पर फास्ट ट्रैक इमिग्रेशन सुविधा के लिए अब तक 18 हजार से ज्यादा लोग पंजीकरण करा चुके हैं और दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 1500 यात्री इसका लाभ उठा चुके हैं। गृह मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि सात और बड़े हवाई अड्डों पर इसे लागू करने की दिशा में काम तेजी से चल रहा है।
गृह मंत्रालय ने पहले चरण में भारतीय नागरिकों और ओईसी (ओवरसीज इंडियन सिटीजन) कार्डधारक विदेशी नागरिकों के लिए फास्ट ट्रैक इमिग्रेशन-ट्रस्टेड ट्रेवलर प्रोग्राम (एफटीआई-टीटीपी) की शुरुआत की थी। इसका लाभ उठाने के लिए पहले गृह मंत्रालय की वेबसाइट पर एफीटीआई के लिए विशेष पेज पर पंजीकरण कराना होता है।
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि दिल्ली हवाई अड्डे पर सफलतापूर्वक लागू करने के बाद योजना को चेन्नई, मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद, अहमदाबाद और कोचिन हवाई अड्डों पर शुरू किया जाएगा।
इसका उद्देश्य विदेश से आनेवाले यात्रियों के लिए इमिग्रेशन प्रक्रिया में समय की बचत करना और प्रक्रिया को आसान बनाना है।
अधिकारी ने बताया कि अब तक 18,400 लोग एफटीआई-टीटीपी के लिए पंजीकरण करा चुके हैं जिनमें से 1,500 यात्री इस सुविधा का लाभ उठा चुके हैं। अब तक के अनुभव बताते हैं कि इससे इमिग्रेशन में लगने वाला समय 60 प्रतिशत कम हो जाता है।
आमतौर पर दिल्ली, मुंबई तथा देश के दूसरे बड़े हवाई अड्डों पर इमिग्रेशन की प्रक्रिया में काफी समय लग जाता है, खासकर ज्यादा भीड़-भाड़ वाले समय में। एफटीआई में पंजीकृत यात्रियों को इस सुविधा से काफी लाभ मिलने की उम्मीद है।
दिल्ली हवाई अड्डे पर ट्रस्टेड ट्रेवलर प्रोग्राम के लिए अलग ई-गेट बनाये गये हैं, ऑटोमेटेड और कॉन्टेक्टलेस प्रोसेस है और कुछ निःशुल्क सेवाएं हैं।
पंजीकरण के लिए गृह मंत्रालय की वेबसाइट पर आवेदन करने के बाद ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन द्वारा आवेदन की जांच की जाती है। जिन यात्रियों का आवेदन मंजूर किया जाता है उन्हें एसएमएस और ईमेल के माध्यम से सूचना प्रदान कर दिल्ली हवाई अड्डे पर एक विशेष काउंटर पर या विदेशियों के लिए क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफपीआरओ) पर बायोमेट्रिक इनरोलमेंट के लिए बुलाया जाता है। बायोमेट्रिक विवरण देने के बाद पंजीकरण प्रक्रिया पूरी हो जाती है।