उत्तर बिहार में नदियां भारी तबाही मचा रही है। पानी के दबाव से 50 से अधिक सड़कें ध्वस्त हो गई हैं। सीतामढ़ी के बेलसंड में बागमती और पश्चिम चंपारण के बगहा में गंडक का तटबंध टूट गया है। एनएच पर डेढ़ से दो फीट पानी बह रहा है। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में पानी भर गया है। जंगली जानवर बहकर रिहायशी इलाके में आ रहे हैं। लाखों लोगों के घरों में पानी घुस गया है। बगहा शहर के आधा दर्जन वार्डों में गंडक का पानी भर गया है। एहतियात के तौर पर बिजली काट दी गई है। सैकड़ों लोग सड़कों व बांधों पर समय बिताने को मजबूर हैं। पश्चिम चंपारण के लौरिया में अशोक स्तंभ परिसर में पांच से छह फीट पानी है। उत्तर बिहार के लाखों लोग बाढ़ से त्राहि-त्राहि कर रहे हैं। गंडक, कोसी, कमला, बागमती, सिकरहना आदि तमाम नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
सीतामढ़ी में बेलसंड के मधकौल गांव के निकट रविवार दोपहर बागमती का बायां तटबंध करीब सौ फीट की दूरी में टूट गया है। बांध टूटने से मधकौल के साथ जाफरपुर, बसौल, पड़राही, कंसार, बेलसंड, ओलीपुर, रूपौली आदि गांव में पानी घुस गया है। तटबंध के अंदर दरियापुर, मौलानगर गांव में पानी भर गया है।
कोसी नदी के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि के कारण लोग बाढ़ की आशंका से सहमे हुए हैं। लोगों का कहना है कि नदी में अगर पानी बढ़ने का क्रम इसी तरह जारी रहा तो स्थिति बिगड़ सकती है।
दरभंगा : पानी के भारी दबाव से कोसी का पश्चिमी तटबंध टूटा
दरभंगा। पानी के भारी दबाव से कोसी नदी का पश्चिमी तटबंध किरतपुर प्रखंड के भुवौल गांव के पास रविवार की देर रात टूट गया। बिरौल एसडीओ उमेश कुमार भारती ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि आसपास के सभी लोगों को सतर्क कर दिया गया है। प्रभावित गांवों के लोगों को ऊंचे स्थानों पर चले जाने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है। फिलहाल 15 फीट में तटबंध क्षतिग्रस्त हुआ है, लेकिन सोमवार की सुबह तक इसमें और कटाव हो सकता है।