शनिवार की रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मचने से 18 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए। मृतकों में 9 महिलाएं, 4 पुरुष और 5 बच्चे शामिल हैं। इनमें सबसे अधिक 9 लोग बिहार, 8 दिल्ली और 1 हरियाणा का रहने वाला था।
कैसे हुआ हादसा?
रात करीब 10 बजे प्लेटफॉर्म 13 और 14 पर हजारों श्रद्धालु प्रयागराज महाकुंभ जाने के लिए इकट्ठा थे। ट्रेनों में देरी से भीड़ लगातार बढ़ रही थी। इसी बीच, अचानक नई ट्रेन के प्लेटफॉर्म-16 पर आने की घोषणा हुई, जिससे यात्री तेजी से दौड़ पड़े और भगदड़ मच गई। रेलवे पुलिस और दिल्ली पुलिस ने घायलों को LNJP और लेडी हार्डिंग अस्पताल में भर्ती कराया।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताई भयावह स्थिति
नई दिल्ली स्टेशन पर 44 साल से कुली का काम कर रहे एक व्यक्ति ने बताया कि उन्होंने आज तक इतनी भीड़ नहीं देखी थी। प्लेटफॉर्म बदलने की सूचना मिलते ही अफरा-तफरी मच गई, लोग एक-दूसरे के ऊपर चढ़ गए। उन्होंने कहा, “लाशें देखने के बाद खाना नहीं खा पाए।”
रेलवे ने जांच के आदेश दिए
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर घटना की जानकारी दी। इसके बाद वे रेल मंत्रालय पहुंचे और अधिकारियों के साथ आपातकालीन बैठक की। रेलवे ने उच्चस्तरीय जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।
- सभी CCTV फुटेज सील कर लिए गए हैं।
- मुख्य सुरक्षा आयुक्त पंकज गंगवार और प्रधान मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधक नरसिंह दास जांच दल का नेतृत्व करेंगे।
पहले भी हो चुके हैं ऐसे हादसे
- 29 जनवरी 2025:प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ से 30 लोगों की मौत।
- 10 फरवरी 2013:प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर भगदड़, 36 लोगों की मौत।
रेलवे प्रशासन पर भीड़ प्रबंधन में लापरवाही के गंभीर आरोप लग रहे हैं। सवाल उठता है कि क्या समय रहते जरूरी कदम उठाए गए होते तो इतनी बड़ी त्रासदी रोकी जा सकती थी?
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