मनीष कश्यप को आज तमिलनाडू से बिहार लाया गया। सीमांचल एक्सप्रेस से मनीष कश्यप बेतिया कोर्ट में हाजिरी लगाने पहुंचा। भारी सुरक्षा के बीच समर्थकों ने गर्मजोशी के साथ मनीष कश्यप का स्वागत किया। बेतिया कोर्ट में हाजिरी लगाने से पहले मनीष कश्यप को एसपी कार्यालय में रखा गया था, जहां मां बेटे की मुलाकात करवाई गई।
कुछ तो बात है कि शख्सियत मिटती नही उसकी ….जी हां , एक यूट्यूबर कब अपनी कामों की वजहों से युवा तुर्क बन गया इस बात की भनक बिहार के सियासतदानों को लगा ही नही। आज बिहार के लाखों युवा उसके साथ चलने को तैयार खड़े हैं। यह कोई पैसों की वजह से नही हुआ है और ना ही उसकी पूर्व पहचान ही कोई बड़ी थी। सबकुछ पाया उसने अपनी मेहनत के बदौलत ही .. लोगों के मनों में उठने वाले सवालों को उठाया , भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार करते रहा। तभी वह लोगों का विश्वास अर्जित किया और लोगों को लगने लगा , मनीष कश्यप अगर आवाज उठा दे तो मेरे समस्याओं का समाधान हो जाए।
आज NSA लगने के बाद कई महीनों बाद बिहार के बेतिया पहुंचने पर जिस तरह की भीड़ जुटी वह बतलाने के लिए काफी है कि मनीष कश्यप अब पहले से ज्यादा मजबूत ही हुआ है। इतना ही नही आज युवाओं की जुटी भीड़ और एक झलक उसे देखने की दीवानगी , जिस तरह से रेलवे स्टेशन से लेकर कोर्ट परिसर तक में दिखी वैसी दीवानगी बड़े नेताओं के प्रति ही उमड़ती है। चाहे आज सदस्यता बहाल होने के बाद राहुल गांधी के लिए उनके लोग जुटे या आज मनीष कश्यप के लिए बेतिया में। मगर हां दोनों के चाहने वालों में बड़ा अंतर है ( उसे आप समझते भी होंगे )। एक युवराज का तगमा लिए हुए हैं तो दूसरे ने अपना सबकुछ अपने कामों की वजहों से अर्जित है।
अगर बात करें बिहार की राजनीति के संदर्भ में तो इतना मान लें , मनीष कश्यप अगर राजनीति में आता है तो बिहार का बड़ा भीड़ जुटाउ नेता ही आगे बनने जा रहा है। जिसको सुनने के लिए युवाओं का स्वतः जुटान होगा भविष्य में। बस उसकी एक बानगी है आज जुटी भीड़।