दुनिया में मां से बढ़कर कोई नहीं है. आज हम एक ऐसी मां की कहानी बताने जा रहे हैं, जो किसी भगवान से कम नहीं है. जी हां हम बात कर रहे हैं छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के मटिया (बी) में रहने वाली एक मां की, जिन्होंने आंख के कैंसर से जूझ रहे अपने 10 साल के बेटे को लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंची और शासन-प्रशासन से मदद की गुहार लगाई. मां चाहती है कि उनका बेटा चिराग आम बच्चों की तरह अपने दोनों आंखों से दुनिया को देख सके.
हर माता-पिता के लिए उनका बच्चा ही सब कुछ होता है. जन्म देने के साथ उनकी शिक्षा दीक्षा से लेकर उनका भविष्य संवारना हर माता-पिता का कर्तव्य होता है. इसे निभाते हुए चिराग की मां धनेश्वरी निषाद और परिवार बचपन से ही आंख में कैंसर से जूझ रहे अपने बेटे को बाहर निकाल नया जीवन देना चाहती है, ताकि आम बच्चों की तरह वह भी अपनी आंखों से दुनिया को देख सके.
एक-एक पैसे जोड़ परिवार की सामर्थ अनुसार अब तक इलाज कराते आ रहे हैं, लेकिन खर्च इतना हो चुका है कि आगे का खर्च उठाना मुश्किल हो गया है. मां धनेश्वरी ने बताया, मजदूरी से परिवार का जीवन-यापन चल रहा. बेटे को आंख की कैंसर है. आंख में लेंस लगाने डॉक्टर ने ढाई लाख का खर्च बताया है, इस खर्च को उठाना मुश्किल है, इसलिए शासन-प्रशासन से मदद की मांग की है.
अपर कलेक्टर ने इलाज कराने का दिया भरोसा
इस मामले में अपर कलेक्टर चंद्रकांत कौशिक ने चिराग के इलाज में हर संभव मदद करने की बात कही है. उन्होंने पूर्व में हुए इलाज का पूरा डॉक्यूमेंट मांगकर रायपुर में बड़े डॉक्टर से बात कर प्रशासन की मदद से इलाज कराने का भरोसा दिया है.