नई दिल्ली | 29 अप्रैल 2025:
राजस्थान रॉयल्स के कपड़े पहनते हुए मैदान में उतरने वाले 14 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी ने एक ऐसा रिकॉर्ड रच दिया है जिसे तोड़ने की हिम्मत शायद ही कोई कर पाए। महज 35 गेंदों में इस टी20 मैच में शतक जड़ना, वो भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर के गेंदबाजों के सामने, ने क्रिकेट दुनियाभर में तहलका मचा दिया है। इस अद्भुत उपलब्धि के पीछे वैभव के माता-पिता और कोच का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
परिवार का अनुपम योगदान
वैभव की प्रतिभा को जल्दी पहचानते हुए उसके पिता ने कम उम्र में ही इस बात पर विश्वास कर लिया था कि उनका बेटा आने वाले दिनों में विश्व क्रिकेट के मानचित्र पर अपनी छाप छोड़ेगा। अपने बेटे के सुनहरे भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने अपनी जमीन तक बेचने में देर न करते हुए निवेश किया, ताकि वैभव को हर संभव सुविधा मिल सके।
इसी बीच, वैभव की माँ ने भी उनके दैनिक जीवन में अपना बहुमूल्य योगदान दिया। हर दिन प्रैक्टिस के लिए निकलते समय, उनकी माँ न केवल वैभव का, बल्कि उसके साथ प्रैक्टिस करने वाले अन्य बच्चों के लिए भी 11 टिफिन पैक कर देती थीं। इन टिफिनों में से एक विशेष रूप से वैभव के लिए होता था और बाकी के दस टिफिन उन साथी खिलाड़ियों के लिए, ताकि उन्हें प्रोत्साहन और ऊर्जा मिल सके।
कोचिंग में कठोर प्रशिक्षण
वैभव के कोच ने इस बात का विशेष ध्यान रखा कि बड़े अंतर्राष्ट्रीय मंच के लिए वह पूरी तरह तैयार हो जाए। इसके लिए वैभव को रोजाना 600 गेंदों की प्रैक्टिस करवाई जाती थी। प्रैक्टिस में गेंदों की रफ्तार को 150 किलोमीटर प्रति घंटे तक बढ़ा दिया गया था, ताकि वैभव अंतर्राष्ट्रीय गेंदबाजों के तेज रफ्तार गेंदों का सामना करने में भी न घबराए। यह कठोर प्रशिक्षण ही आज के इस रिकॉर्ड में तब्दील हुआ है।