देवघर। अस्पताल का बिल चुकाकर बेटे का शव लेने के लिए मां को जमीन बेचनी पड़ी। सड़क हादसे में जख्मी मोहनपुर के चकरमा गांव निवासी कन्हैया कापरी की इलाज के दौरान कुंडा के मेधा सेवा सदन में शुक्रवार को मौत हो गई।
1 अप्रैल से कन्हैया उक्त नर्सिंग होम में भर्ती था। इस दौरान इलाज के मद में 40 हजार का बिल बना। लेकिन परिजन बिल नहीं दे पाए तो क्लीनिक प्रबंधन ने शव सौंपने से इंकार कर दिया। आखिरकार जमीन बेचकर व चंदा जुटाकर परिजनों ने क्लीनिक को पैसे दिए। जिले के मोहनपुर थानांतर्गत चकरमा गांव निवासी वीणा देवी की मानें तो बेटे कन्हैया कुमार कापरी का शव लेने के लिए अपनी ज़मीन बेच दी। वीणा ने बताया कि मंगलवार को सड़क हादसे में गंभीर रूप से जख्मी बेटे को इलाज के लिए कुंडा के निजी क्लीनिक में भर्ती कराया गया था, जहां शुक्रवार को उसकी मौत हो गई। वहीं दूसरी ओर मेधा सेवा सदन के संचालक डॉ. संजय ने आरोपों को नकारते हुए कहा कि शव को बंधक नहीं बनाया गया था।