कर्नाटक में स्थानीय भाषाओं को प्रमुखता देने की मांग को लेकर आंदोलन तेज हो गया है। आंदोलन से जुड़े लोगों ने अंग्रेजी में लिखे कई साइनबोर्ड, विज्ञापन बोर्ड और होर्डिंग्स तोड़ दिए। इस आंदोलन की अगुवाई कर रहे कन्नड़ रक्षणा वेदिके (केआरवी) संगठन ने स्थानीय भाषा की मांग को लेकर महाअभियान चला रखा है। इसी अभियान के तहत इस संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं ने होर्डिंग्स को अपना निशाना बनाया। कार्यकर्ताओं ने स्टारबक्स, थर्ड वेव, टोयोटा, हाउस ऑफ मसाबा, फॉरेस्ट एसेंशियल्स, थियोब्रोमा और अन्य को निशाना बनाया है। केआरवी ने दावा किया कि शहरभर में हजारों अंग्रेजी साइनबोर्ड “नष्ट कर दिए गए और उखाड़ दिए गए”।
हम 28 फरवरी तक इंतजार, फिर बड़ा आंदोलन
केआरवी अध्यक्ष टी.ए. नारायण गौड़ा ने चेतावनी दी, “हम कन्नड़ भाषा को प्रमुखता देने वाले साइन बोर्ड लगाने के लिए 28 फरवरी तक इंतजार करेंगे। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो उन साइन बोर्डों से छुटकारा पाने के लिए एक जोरदार विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।” उन्होंने कहा, “बेंगलुरु के लोगों को हुई असुविधा के लिए हम माफी मांगते हैं। मुझे लगता है कि वे साइन बोर्ड पर कन्नड़ भाषा का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के आयोजन को समझेंगे।”उन्होंने कहा, “अगर कन्नड़ कार्यकर्ताओं के खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए गए तो हम सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे।”
पुलिस के मूकदर्शक बने रहने पर हैरानी
इस घटना पर लोगों कड़ी प्रतिक्रिया भी व्यक्त की है। कई लोगों ने राज्य की राजधानी में हुई घटनाओं और कन्नड़ कार्यकर्ताओं द्वारा की गई बर्बरता और तोड़फोड़ पर पुलिस के मूकदर्शक बने रहने पर हैरानी जताई। कर्नाटक पुलिस ने इससे पहले केआरवी द्वारा शहर में व्यावसायिक भवनों और मॉल के साइनबोर्ड पर स्थानीय भाषा को प्रमुखता देने की मांग के मद्देनजर बुधवार को बेंगलुरु में सुरक्षा बढ़ा दी थी। कर्नाटक सरकार द्वारा वाणिज्यिक भवनों पर लगाए गए 60 प्रतिशत साइन बोर्डों में कन्नड़ को अनिवार्य बनाने के निर्देश जारी करने के बाद शुरू किए गए अपने महा अभियान के तहत इस संगठन ने एक विशाल रैली का आयोजन किया। रैली बेंगलुरु इंटरनेशनल एयरपोर्ट रोड से शुरू हुई और येलहंका, शिवाजीनगर, कमर्शियल स्ट्रीट, एस.पी. रोड, ब्रिगेड रोड, एम.जी. रोड, चिक्कापेट, सिटी मार्केट और एवेन्यू रोड से गुजरते हुए कब्बन पार्क पहुंची।
28 फरवरी तक सभी साइन बोर्ड कन्नड़ में होने चाहिए
केआरवी के अध्यक्ष नारायण गौड़ा ने व्यावसायिक भवनों के मालिकों को साइन बोर्ड पर कन्नड़ भाषा को प्रमुखता देने के लिए चेतावनी जारी की थी।उन्होंने यह भी कहा था कि यदि साइन बोर्ड पर केवल हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं का उपयोग पाया गया तो उन्हें हटा दिया जाएगा। बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के आयुक्त तुषार गिरिनाथ ने निर्देश दिया है कि राज्य की राजधानी में 28 फरवरी तक सभी साइन बोर्ड कन्नड़ में होने चाहिए।हालांकि, केआरवी ने साइन बोर्ड बदलने के लिए 27 दिसंबर तक का समय दिया था, जिसे मॉल और व्यावसायिक भवनों के मालिकों ने चुनौती दी थी। पुलिस ने एशिया के सबसे बड़े मॉल ऑफ एशिया की सुरक्षा बढ़ा दी है, क्योंकि मॉल के नाम को कन्नड़ में प्रदर्शित करने को लेकर प्रबंधन और केआरवी के बीच विवाद चल रहा है। कार्यकर्ताओं ने अंग्रेजी में लगे विज्ञापनों को फाड़ दिया और हिंदी व अंग्रेजी साइन बोर्ड पर कालिख पोत दी। हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।