मुम्बई समेत पूरे महाराष्ट्र में मराठा समाज के आरक्षण को लेकर आंदोलन हो रहा है। इस आंदोलन के नेता मनोज जरंगे पाटिल के उपोषण का आज 9वां दिन है। वहीं आंदोलन के दौरान कई विधायकों, मंत्रियों और सांसदों के घरों और कार्यालयों में तोड़फोड़ और आगजनी भी की गई। मराठा समाज के कार्यकर्ताओं ने अनेक विधायकों और सांसदों की गाड़ियों के काफिले पर भी हमला किया और तोड़फोड़ की। इसी को ध्यान में रखते हुए अनेक मंत्री,विधायकों और सांसदों के घरों की सुरक्षा बढ़ाई गई है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के ठाणे निवास स्थान शुभ दीप बंगलो की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है।
विरोधी नेताओं ने लगाए आरोप
पिछले दो दिनों से सुरक्षा के दृष्टिकोण से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के घर के बाहर के रास्ते को पूरी तरीके से बंद कर दिया गया है। रास्ता बंद होने से वहां पर बड़े पैमाने पर ट्रैफिक जाम लग रहा है। वहीं ट्रैफिक जाम की समस्या को लेकर कई विरोधी दलों ने आरोप भी लगाने शुरू कर दिए। विरोधी नेताओं का कहना है कि ख्यमंत्री के परिवार वालों को VIP सुरक्षा दी जा रही है। इस बात से नाराज मुख्यमंत्री के सुपुत्र और सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे ने ठाणे के पुलिस आयुक्त पर अपना गुस्सा निकाला। सांसद श्रीकांत शिंदे ने एक पत्र लिखकर कहा कि हमें वीआईपी ट्रीटमेंट कोई जरूरत नहीं है। इसके अलावा उन्होंने लिखा कि वीआईपी ट्रीटमेंट देने से पहले पुलिस ने हमसे कोई भी राब्ता नहीं किया था।
कार्रवाई करने की मांग
बता दें कि ठाणे ट्रैफिक पुलिस डिपार्टमेंट की तरफ से मुख्यमंत्री के निवास स्थान के बाहर के रास्ते को सुरक्षा के दृष्टिकोण से बंद करने का निर्णय लिया गया था। वहीं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के सुपुत्र डॉ. श्रीकांत शिंदे ने अपने पत्र में साफ तौर पर ठाणे ट्रैफिक पुलिस के उपायुक्त डॉ.विनय कुमार राठौर पर नाराजी व्यक्त करते हुए कहा कि कोई भी वीआईपी ट्रीटमेंट देने से पहले हमसे एक बार जरूर पूछ लिया कीजिए। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के निवास स्थान के बाहर के रास्ते को दो दिन से ठाणे ट्रैफिक पुलिस डिपार्टमेंट की तरफ से बंद कर दिया गया था। इसी पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के सुपुत्र डॉ.श्रीकांत शिंदे ने पत्र जारी कर ठाणे पुलिस आयुक्त पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जिस किसी भी अधिकारी ने मेरे घर के बाहर के रास्ते को जनता के लिए बंद दिया था उसके ऊपर कठोर कार्रवाई की जाए।