पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में फंसी टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को लेकर लोकसभा की एथिक्स कमिटी की रिपोर्ट पर जहां संसद में काफी हंगामा हो रहा है वहीं यह राजनीतिक जंग दुर्गा और सूर्पनखा जैसे पात्रों तक पहुंच गई है। एथिक्स कमिटी की रिपोर्ट में महुआ पर लगे आरोपों को गंभीर बताया गया है और उनकी संसद की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की गई है।
जब नाश मनुज पर छाता है पहले विवेक मर जाता है-महुआ
महुआ मोइत्रा आज जैसे संसद पहुंची, बाहर मीडियाकर्मियों से उन्होंने कहा-‘मां दुर्गा आ गई, अब देखेंगे…. जब नाश मनुज पर छाता है पहले विवेक मर जाता है। उन्होंने वस्त्रहरण शुरू किया है और अब आप महाभारत का रण देखेंगे।’ इसका जवाब बंगाल के बीजेपी नेता सुकांत मजूमदार ने दिया। उन्होंने कहा कि वस्त्रहरण तो द्रौपदी का हुआ था शूर्पनखा का नहीं।
एक तो चोरी किया, उस पर से सीनाजोरी-सुकांत मजूमदार
सुकांत मजूमदार ने कहा कि महुआ ने दिनकर जी की कविता का हवाला दिया। मुझे उम्मीद है कि ममता बनर्जी उन्हें ‘बाहरी’ नहीं कहेंगी। ममता बनर्जी सभी हिंदी भाषी लोगों को ‘बाहरी’ कहती हैं…महुआ को तय करना चाहिए कि वह किस पार्टी से चुनाव लड़ेंगी – ममता बनर्जी की या सोनिया गांधी की। महुआ मोइत्रा ने क्या किया है – एक तो चोरी किया, उस पर से सीनाजोरी…।