राम मंदिर उद्घाटन पर शिवसेना को नहीं बुलाने पर भड़के सांसद संजय राउत; जानें क्या कहा

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22 जनवरी को राम मंदिर का बड़े ही भव्य तरीके से उद्घाटन होने जा रहा है। इस दौरान श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने पीएम मोदी, सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे समेत कई बड़े नामचीन नेताओं की न्योता दिया है। इस दौरान कई अन्य राजनितिक दलों को न्योता नही दिया गया है, जिनमें से एक शिवसेना के उद्धव ठाकरे है। जिसे लेकर आज शिवेसेना (यूटी) के सांसद संजय राउत भड़क गए और कहा कि यह श्रेय लेने की राजनीतिक चढ़ाई का हिस्सा बन गया है। राम मंदिर उद्घाटन पर शिवसेना को कोई निमंत्रण नहीं आया है और उन्होंने उद्धव ठाकरे को आमंत्रित नहीं किया है।

“श्रेय लेने की राजनीतिक चढ़ाई का हिस्सा”

संजय ने आगे कहा कि उन्होंने बाला साहेब ठाकरे को भी आमंत्रित नहीं किया होता, क्योंकि यह श्रेय लेने की राजनीतिक चढ़ाई का हिस्सा बन गया है। राम मंदिर उद्घाटन समारोह अयोध्या में राम मंदिर निर्माण में शिवसेना का बड़ा योगदान है। बाला साहेब ठाकरे का भी बहुत योगदान था। वे हमसे बात नहीं करेंगे, अगर उद्धव ठाकरे वहां जाएंगे तो बाला साहेब ठाकरे और शिवसेना जय-जयकार करेंगे। योगदान देने वालों के संबंध में कभी भी बात नही कर रहा है।

“किसी राजनीतिक दल या नेता की बपौती नहीं”

राउत ने आगे कहा, “भगवान श्री राम सबके हैं, किसी राजनीतिक दल या नेता की बपौती नहीं है, एक बार उन्हें अपना राजनीतिक समारोह करने दीजिए, फिर हम धार्मिक उत्सव मनाएंगे।” जिसका योगदान है उनको कभी नहीं बुलाएंगे अभी तक नहीं आया है क्योंकि हमारा बहुत बड़ा योगदान रहा है हमको हमारे योगदान का हिस्सा नहीं मिलेगा अगर आप राम मंदिर का श्रेय लेना चाहते हो। राम मंदिर किसी के व्यक्तिगत जहांगीर नहीं है, अयोध्या में राम मंदिर होना ही हमारे लिए गर्व की बात है, लेकिन हम इसका राजकीय उत्सव नहीं मनाना चाहते। हम इस पर वोट नहीं मांगना चाहते उनका राजनीतिक इवेंट होने के बाद हम वहां जाएंगे और रामलाल का दर्शन भी लेंगे।

राउत ने सांसदों के निलंबन पर भी अपनी बात रखी

UBT सांसद संजय राउत ने कहा यह जो कल हुआ है, पूरी सरकार विपक्ष को खत्म करने में लगी है पूरी सरकार, चाहे गृह मंत्री हो चाहे प्रधानमंत्री चाहे और कोई मंत्री हो, राज्यसभा लोकसभा से विपक्ष मुक्त सांसद बनाना चाहते हैं और इस काम में लग गए हैं चुनाव में लग गए हैं। मैंने कल देखा जिस तरीके से हम सबको निकाल दिया गया हमारी मांग यही थी की चर्चा करिए बेरोजगार लोगों घुस गए थे उस पर चर्चा की जानी चाहिए यह कौन सा लोकतंत्र है यह ठोक कतंत्र से भी ऊपर है।

पुंछ की घटना को बताया रिपीट ऑफ पुलवामा

यह बहुत ही गंभीर बात है कल जो हमला हुआ है वह पुलवामा है, पुलवामा में भी इस तरीके से हमला हुआ है 370 हटाने का जोशी का बना रहे हो यह देखिए क्या हुआ। सारे जवानों की रक्षा कौन करेगा, बिना लड़े हमारे जवान शहीद हो रहे हैं जवानों की शहादत पर क्या आप राजनीति करना चाहते हो। साल 2024 में जवानों के पास जाकर क्या आप वोट मांगना चाहते हो यह रिपीट ऑफ पुलवामा है। कितने लोगों की मौत हो गई है यह सरकार क्या कर रही है और संसद चलने नहीं देते अगर हम सवाल उठेंगे। हमारी सदस्यता खत्म कर देंगे, लोकतंत्र है यह कौन सी लोकशाही है?

लोकतंत्र का श्मशान घाट बना दिया है

कुश्ती संघ में जो राजनीति चल रही है उसके बारे में मुझे ज्यादा जानकारी नहीं है, लेकिन साक्षी मलिक ने जिस तरीके से अलविदा कहा है वह देश के लिए पीड़दायक है। लालू यादव के सामने राजू श्रीवास्तव मिमिक्री करते थे क्या लालू जी का अपमान हो गया देखिए यह कला है साक्षी मलिक कल रो रही थी, किसका अपमान हो गया साक्षी मलिक इस देश की सबसे बड़ी रेसलर है उसके आंसू, किसको दिखते नहीं धनखड़ जी को नहीं दिखती वह भी तो जाट है।

Kumar Aditya: Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.