MP का डॉक्टर बना पहाड़ी लोगों का भगवान, अपने खर्च से करते हैं गरीबों का इलाज, मरीज मानते हैं सगा

GridArt 20231128 094901982

डॉक्टरों को धरती का भगवान कहा जाता है, आम लोग इन्हें भगवान मानते भी हैं. तभी तो जब कोई रास्ता नहीं बचता तब इंसान को बचाने की आखिरी उम्मीद ये डॉक्टर बनते हैं. भारत में आज भी ऐसे कई क्षेत्र हैं जहां इन डॉक्टर्स की कमी है. लेकिन इसके बावजूद ये डॉक्टर अपनी तरफ से हर संभव कोशिश करते हैं कि इनके रहते किसी मरीज को कुछ ना हो.

मरीजों के लिए भगवान हैं डॉक्टर सलूजा 

उत्तराखंड के भी कई इलाकों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है. लेकिन यहीं श्रीनगर गढ़वाल में एक ऐसे डॉक्टर भी मौजूद हैं जो अपने मरीजों से भावात्मक रूप से जुड़े हैं और ये मरीज भी उन्हें भगवान मानते हैं. अपने मरीजों से इस डॉक्टर का घरेलू रिश्ता तक है. मरीज इन्हें अपने घर गांव से समलौंण लेकर भी आते हैं. यही वजह है कि श्रीनगर गढ़वाल के उप जिला अस्पताल श्रीनगर में तैनात डॉ सलूजा को आज यहां का बच्चा पहचानता है.

ग्रामीण डॉक्टर को मानते हैं अपना 

न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक, डॉक्टर लोकेश सलूजा मध्य प्रदेश के ग्वालियर के निवासी हैं. वह पिछले 14 साल श्रीनगर गढ़वाल के उप जिला अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. वह अबतक सैकड़ों सफल आपरेशन कर चुके हैं. पहाड़ के लोग डॉ सलूजा को बहुत मानते हैं. यही वजह है कि उन्हें बहुत कम ही बाजार से सब्जी खरीदनी पड़ती है. क्योंकि अधिकतर मरीज इन्हें अपने घर में उगाई सब्जी, दाल समलौंण के रूप में देते हैं.

दरअसल, पहाड़ की ये परंपरा है कि यहां के लोग जब किसी करीबी या नाते रिश्तेदार से मिलने जाते है तो साथ में समलौंण भी लेकर जाते हैं. इसी वजह से लोग अपना स्नेह और अपनापन दिखाने के लिए डॉ सलूजा के लिए भी ‘समलौंण’ लेकर जाते हैं. डॉ सलूजा के बारे में यहां के लोगों और मरीजों का कहना है वह उन्हें अपनेपन का अहसास दिलाते हैं. वे उनके पास जब भी इलाज के लिए जाते हैं तो डॉक्टर बिना किसी भेदभाव के उनका इलाज करते हैं.

मरीजों के लिए सीखी यहां की भाषा

डॉक्टर सलूजा का कहना है कि शुरुआत में जब वह यहां आए थे तो उन्हें स्थानीय बोली नहीं आती थी लेकिन मरीजों को अपनेपन का अहसास दिलाने के लिए वह गढ़वाली सीखने लगे. अब तो वह पहाड़ी बोली में ही मरीजों से बात करते हैं. डॉ सलूजा बताते हैं कि अब कई ऐसे मरीज है जो अब भावनात्मक रूप से उनसे जुड़ चुके हैं. जिनमे खासतौर पर राठ, पैठानी व घनसाली का क्षेत्र के मरीज शामिल है,

संयुक्त जिला चिकित्सालय में मुफ़्त इलाज होने के कारण क्षेत्र के लोगों को काफी राहत मिलती है लेकिन कुछ परिवार ऐसे भी होते हैं जिनके लिए दवाई और अन्य चीजों का खर्च भी भारी होता है. डॉक्टर सलूजा ऐसे गरीब परिवारों की मदद करते हैं. वह ऐसे लोगों का खुद के खर्चे पर इलाज करते हैं. डॉ लोकेश सलूजा का मानना है कि डॉक्टर का पेशा जिम्मेदारी वाला पेशा है. आपके हाथों में दूसरे व्यक्ति की जान रहती है. एक व्यक्ति की जान बचाने के साथ आप पूरे परिवार को बचाते हो.

सर्जन डॉक्टर लोकेश सलूजा ने बताया कि वर्तमान में पथरी, पेट की रसौली ट्यूमर, बच्चेदानी में इन्फेक्शन के केस आम हो गए हैं. ट्यूमर या पथरी का ऑपरेशन करवाने के लिए ग्रामीण क्षेत्र से बड़ी संख्या में मरीज उनके पास पहुंचते हैं. इसमें चमोली, रुद्रप्रयाग, पौड़ी, टिहरी जैसे क्षेत्रों के मरीज शामिल होते हैं.

 

Sumit ZaaDav: Hi, myself Sumit ZaaDav from vob. I love updating Web news, creating news reels and video. I have four years experience of digital media.