UCC पर मुफ्ती शमून कासमी बोले- मुसलमानों को PM मोदी और CM धामी का शुक्रिया अदा करना चाहिए

GridArt 20240207 140144813

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य विधानसभा में मंगलवार को बहुप्रतीक्षित समान नागरिक संहिता या UCC बिल पेश कर दिया। इस बिल में बहुविवाह और ‘हलाला’ जैसी प्रथाओं को आपराधिक कृत्य बनाने तथा ‘लिव-इन’ में रह रहे जोड़ों के बच्चों को जैविक बच्चों की तरह उत्तराधिकार दिए जाने का प्रावधान है। इस बिल के पेश होने के बाद जहां तमाम मौलाना इसे ‘गलत’ बताते हुए कोर्ट जाने की बात कह रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ मुफ्ती शमून कासमी ने इसका पूरी मजबूती से समर्थन किया है।

‘उत्तराखंड में इतिहास रचा जा रहा है’

बता दें कि उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने समान नागरिक संहिता के पक्ष में बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि मुसलमानों को इस बात का शुक्रिया अदा करना चाहिए कि देश को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तराखंड को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जैसा नेतृत्व मिला है। मुफ्ती कासमी ने कहा, ‘उत्तराखंड में आज इतिहास रचा जा रहा है। UCC लाकर उत्तराखंड सरकार ने महिलाओं को समानता का अधिकार दिया है। सही मायने में बीजेपी इस्लाम के मुताबिक मुस्लिम महिलाओं को उनके  बुनियादी अधिकार दिला रही है।’

क्या है उत्तराखंड के यूसीसी बिल में?

मुफ्ती कासमी ने आगे कहा, ‘मुसलमानों को पीएम मोदी और सीएम धामी का धन्यवाद अदा करना चाहिए कि उनके जैसा नेतृत्व आज देश और प्रदेश को मिला रहै।’ बता दें कि UCC विधेयक को पारित कराने के लिए बुलाये गये विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन पेश ‘समान नागरिक संहिता, उत्तराखंड-2024’ विधेयक में धर्म और समुदाय से परे सभी नागरिकों के लिए विवाह, तलाक, उत्तराधिकार, संपत्ति जैसे विषयों पर एक समान कानून प्रस्तावित है। हालांकि, इसके दायरे से प्रदेश में रहने वाली अनुसूचित जनजातियों को बाहर रखा गया है। बीजेपी ने 2022 के चुनाव से पहले उत्तराखंड की जनता से UCC लाने का वादा किया था।

Kumar Aditya: Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.