मुंबई बम धमाके के दोषी मोहम्मद खान की सिर फोड़कर हत्या, कोल्हापुर जेल में 5 आरोपियों ने दिया घटना को अंजाम
मोहम्मद अली खान उर्फ मुन्ना उर्फ मनोज कुमार भंवरलाल गुप्ता कोल्हापुर की जेल में मुंबई बम धमाकों के मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा था.
1993 के मुंबई बम धमाकों के दोषी मोहम्मद अली खान की कोल्हापुर की जेल में बेरहमी से हत्या कर दी गई. पुलिस के मुताबिक जेल में न्यायिक हिरासत पर आए पांच आरोपियों ने रविवार (2 जून) को इस हत्या को अंजाम दिया. इन आरोपियों ने मोहम्मद अली खान का सिर फोड़कर दिया था, जिसके बाद उसकी मौत हो गई.
कोल्हापुर की जेल में 1993 मुंबई ब्लास्ट के चार दोषियों को रखा गया है, जिसमें से एक दोषी का नाम मोहम्मद अली खान था. किसी अन्य मामले में न्यायिक हिरासत में आए पांच आरोपियों को मोहम्मद अली खान की बैरक में रखा गया था.
एक ही बैरक में थे सभी आरोपी
पुलिस के मुताबिक हत्या करने वाले आरोपियों के नाम प्रतीक पाटिल, दीपक खोत, संदीप चव्हाण, ऋतुराज इनामदार और सौरभ सिद्ध हैं. कारागार विभाग की उपमहानिरीक्षक स्वाति साठे के मुताबिक मृतक मोहम्मद अली खान समेत ये सभी आरोपी एक ही बैरक में रह रहे थे. उन्होंने कहा कि इसी के चलते पुलिस जांच कर रही है कि इनके बीच कोई विवाद तो नहीं था.
फिलहाल जेल के अंदर इस हत्या के बाद कोल्हापुर की जेल में बंद मुंबई धमाकों के अन्य आरोपियों की सुरक्षा जेल विभाग ने बढ़ा दी है. जेल के अंदर इस हत्या की वारदात की मुख्य वजह क्या है, इस पर जांच शुरू कर दी गई है.
पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
मोहम्मद अली खान उर्फ मुन्ना उर्फ मनोज कुमार भंवरलाल गुप्ता कोल्हापुर की जेल में मुंबई बम धमाकों के मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा था. पुलिस ने पांचों आरोपियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है.
12 मार्च, 1993 को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की 28 मंजिला इमारत के बेसमेंट में एक जोरदार धमाके से 50 लोग मारे गए. इसके आधे घंटे बाद दूसरा धमाका एक कार में हुआ और फिर एक के बाद एक धमाकों का सिलसिला शुरू हुआ. दो घंटे के अंदर पूरे मुंबई में 12 जगहों पर 13 धमाके हुए थे. इन सिलसिलेवार धमाकों में 257 लोग मारे गए थे और 713 लोग घायल हुए थे.
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