राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) ने 265 करोड़ रुपये की नौ गंगा परियोजनाओं को मंजूरी दी है। यह प्रदूषण में कमी लाने और गंगा नदी के पारिस्थितिकी तंत्र में सुधार करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। इनमें उत्तर प्रदेश, बिहार के मुंगेर व झारखंड से जुड़ी कई परियोजनाएं शामिल हैं।
एनएमसीजी की कार्यकारी समिति की 56वीं बैठक में 265 करोड़ रुपये की 9 परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान की गई। एनएमसीजी के महानिदेशक राजीव कुमार मित्तल की अध्यक्षता में हुई बैठक में उत्तर प्रदेश के डलमऊ रायबरेली में गंगा नदी के प्रदूषण को कम करने के लिए मल कीचड़ प्रबंधन की एक महत्वपूर्ण परियोजना को मंजूरी प्रदान की गई। इस परियोजना के अंतर्गत 15 किलोवाट सौर ऊर्जा संयंत्र और एक सौर इन्वर्टर के साथ एक 8 केएलडी मल कीचड़ शोधन संयंत्र स्थापित किया जाएगा।
बिहार के मुंगेर सीवरेज नेटवर्क और एसटीपी परियोजना, 30 एमएलडी क्षमता एसटीपी की क्षमता और 175 किलोमीटर लंबे सीवरेज नेटवर्क के साथ, 522.85 करोड़ रुपये की संशोधित लागत पर अनुमोदित की गई है। यह परियोजना डीबीओटी मोड पर आधारित है, इसका संचालन और रखरखाव 15 वर्षों के बाद राज्य सरकार को हस्तांतरित कर दिया जाएगा। एक अन्य विकासात्मक कार्य में झारखंड के साहिबगंज में स्थित उधवा झील पक्षी अभयारण्य का संरक्षण एवं सतत प्रबंधन करने के लिए 25.89 करोड़ रुपये की लागत से 5 वर्षों के लिए एक एकीकृत प्रबंधन योजना को मंजूरी प्रदान की गई है।