केरल के मलप्पुरम में एक मुस्लिम परिवार ने सौहार्द की मिसाल पेश की है। एक हिंदू शख्स मुस्लिम परिवार के साथ करीब 39 साल तक रहा। 62 की उम्र में उसकी मौत हो गई। इसके बाद मुस्लिम परिवार ने हिंदू रीति-रिवाज से उसका अंतिम संस्कार किया।
रिपोर्ट के अनुसार, विथानसेरी राजन 39 सालों से मुस्लिम परिवार के साथ उनके घर में रहे थे। मंगलवार को उनका निधन हो गया। इसके बाद अलीमोन नारानिपुझा ने पूरे हिंदू रीति-रिवाज से राजन को आखिरी विदाई दी और अंतिम संस्कार किया। इसके बाद अलीमोन श्मशान में जाकर राजन की अस्थियां को इकट्ठा किया और फिर भरतपुझा नदी में विसर्जित किया। इस खबर के बारे में जानकर लोग हैरानी जता रहे हैं और तारीफ भी कर रहे हैं।
अंतिम संस्कार करने के बाद एलिमोन ने कहा, “मैंने राजन का उसकी इच्छा के अनुसार अंतिम संस्कार करने के लिए अपनी आस्था को थोड़ी देर के लिए किनारे रख दिया। रिपोर्ट के अनुसार, पलक्कड़ के रहने वाले राजन ने कम उम्र में ही अपने माता-पिता को खो दिया था। लगभग 40 साल पहले जब मलप्पुरम कांग्रेस के नेता के वी मुहम्मद एक होटल में खाना खाने के लिए रुके तो देखा कि राजन गंदे कपड़ों में था और उसे भूख लगी थी।
मुहम्मद ने उसे पैसे देने लगे मगर उसने नहीं लिए और वहां से जाने लगा। इसके बाद मुहम्मद राजन को अपने गांव नन्नामुक्कू लेकर आए। इसके बाद राजन ने मुहम्मद के कन्नमचथु वलप्पिल घर में एक नई जिंदगी की शुरुआत की। मुहम्मद की छह बेटियां और एक बेटा था। इसके बाद राजन, मुहम्मद के पास ही रहने लगा। धीरे-धीरे वह उस घर का सदस्य बन गया। हालांकि 8 साल बाद मुहम्मद की मौत हो गई।
मुहम्मद की 65 साल की उम्र में हुई मौत
अलीमन, मुहम्मद के बेटे हैं। पिता की मौत के बाद लोगों ने उनसे कहा कि वे राजन को किसी और के हवाले कर दें मगर अलीमन ने राजन को नहीं छोड़ा और उनकी देखभाल की। राजन भी अलीमन की मदद करते। कुछ सालों बाद राजन की भी तबीयत खराब हो गई। लोगों ने एक बार फिर अलीमन से कहा कि राजन को छोड़ दो। हालांकि अलीमन ने राजन का साथ नहीं छोड़ा और उनका इलाज कराया। कुछ दिनों में राजन की मौत हो गई। लोगों ने अलीमन के घर राजन को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद अलीमोन और उनके भतीजे मोहम्मद रिशान ने राजन का अंतिम संस्कार किया।