बरेली की आसमीन ने भी इस्लाम से नाता तोड़कर सनातन राह चुन ली है. अब वह आरती श्रीवास्तव बनकर अपनी जिंदगी जिएगी. आसमीन का गंगाजल, गौमूत्र से शुद्धिकरण किया गया. फिर उसने वैदिक रीति-रिवाज से अपने प्रेमी जयवीर के साथ पवित्र बंधन में बधंकर शादी की. दोनों ने अग्नि साक्षी मानकर सात फेरे लिए. आरती का कहना है कि इस्लाम धर्म में कई सारी कुरीतियां है जिसके चलते धर्म बदलकर अपने प्रेमी के साथ विवाह किया है.
दोनों के बीच प्रेम कहानी की शुरुआत एक साल पहले हुई थी. बरेली की रहने वाली आसमीन के घर जयवीर का आना जाना था. एक साल पहले दोनों में प्रेम हो गया. प्रेम की शुरुआत आसमीन ने अपने प्रेमी जयवीर से प्रपोज करके कहा कि मैं शादी करना चाहती हूं. इसके बाद दोनों में नजदीकियां बढ़ गई और दोनों में शादी करने का फैसला ले लिया. शादी से पहले आसमीन ने अपना नाम बदलकर रखा आरती श्रीवास्तव रख लिया.
आसमीन ने हिंदू धर्म मे आस्था जताते हुए अपने प्रेमी जयवीर से शादी कर ली. दोनों पंडित केके शंखधार अगस्त मुनि आश्रम पहुंच गए. पंडित केके शंखधार ने आसमीन का गंगाजल ,गौमूत्र से शुद्धिकरण कराया. प्रेमी जयवीर ने आरती की मांग में भरा सिंदूर भरा. दोनों ने अग्नि को साक्षी मानकर लिए 7 फेरे लिए. आसमीन उर्फ आरती श्रीवास्तव ने अपने परिजनों से जान का खतरा बताते हुए पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई है.
प्यार की शुरुआत मैंने खुद की थी. यह हमारे घर आते रहते थे. एक दिन जब इनका फोन आया तो मैंने कहा कि क्या तुम मुझसे शादी करोगे. घरवाले ने मेरा जीना दुश्वार कर रखा था. मेरी हिंदू धर्म में आस्था है. मुझे हिंदू धर्म को मानते हुए 5 साल से ज्यादा का समय हो चुका है. हिंदू धर्म को मानने की बहुत चाहत थी. अपनी मर्जी से हिंदू धर्म स्वीकार किया है.’