मुजफ्फरपुर।औराई में लखनदेई नदी किनारे मधुबन बेसी गांव के पास बुधवर को जब हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग हुई तो ग्रामीण चारों ओर से शोर मचाने लगे। घर की छत और झोंपड़ियों पर चढ़े लोगों ने हेलीकॉप्टर को गिरते हुए देखा तो सन्न रह गए। आनन-फानन में चार नावों से 14 ग्रामीण हेलीकॉप्टर के पास पहुंचे।
सबसे पहले पहुंचे मधुबन बेसी गांव के बाला सहनी, वीरेंद्र सहनी, भुनेश्वर सहनी, सुशील भंडारी, दिनेश सहनी व मंदर सहनी ने बताया कि हेलीकॉप्टर का गेट खुला था। उसमें सवार पायलट व जवान गले तक पानी में डूबे हुए थे। पायलट की हालत अचेत जैसी थी। पीछे की सीट पर बैठे दोनों जवान ठीक हालत में थे। संभवत: उनके पास लाइफ जैकेट नहीं । ग्रामीणों ने बताया कि दस मिनट और देर हो जाती तो पायलट और जवानों के डूबने का खतरा था। ग्रामीणों ने खासी मशक्कत से चारों को हेलीकॉप्टर से निकालकर नाव में बैठाया। पायलट हादसे के कारण सदमे में थे। उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा था कि जिंदा बच चुके हैं। पानी से बाहर निकालकर उन्हें पुल पर लाया गया तो वह अचेत हो गए। चौकी पर लिटाया गया तो कुछ देर ग्रामीणों ने बताया कि पानी में डूबे घरों में फंसे लोग हेलीकॉप्टर देखकर राहत सामग्री मिलने की आस में थे। हेलीकॉप्टर ने पहले नया गांव में राहत सामग्री घरों की छत पर गिराया। इसके बाद हरपुर बेसी की ओर से उड़ते हुए इस ओर आ रहे हेलीकॉप्टर ने दो चक्कर लगाए। अचानक करीब एक मिनट तक हेलीकॉप्टर हवा में खड़ा रहा। इसके बाद, लहराते हुए मधुबन बेसी गांव की ओर बढ़ा। इस दौरान कई घरों पर ऊपर से तेल जैसी चीज गिरी। मधुबन बेसी के लोग हैरत में थे कि हेलीकॉप्टर से राहत सामग्री के पैकेट के बजाय घरों पर तेल क्यों फेंका जा रहा है?