बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने आज भागलपुर में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के उद्घाटन के नाम पर ड्रामा किया. अस्पताल में मरीजों को भर्ती करने का कोई इंतजाम नहीं है, जांच के लिए दो किलोमीटर दूर दूसरे अस्पताल में जाना पड़ेगा. हद देखिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शिलापट्ट हटाकर जेपी नड्डा का बोर्ड टांग दिया गया.
जेपी नड्डा के उद्घाटन कार्यक्रम का ये सारा पोल बीजेपी के दिग्गज और पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने खोला है. चौबे ने कहा है कि अस्पताल उद्घाटन के नाम पर भागलपुर के लोगों के साथ मजाक हुआ है. या तो सरकार अपनी गलती सुधारे वर्ना वे आंदोलन का रूख अपनायेंगे. अश्विनी चौबे ने सत्याग्रह करने की चेतावनी दी है.
अस्पताल में मरीजों के इलाज का इंतजाम नहीं
बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने शुक्रवार को भागलपुर में 200 बेड के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का उद्घाटन किया है. सुपर स्पेशियलिटी का मतलब होता है कि वहां मरीजों का सबसे आधुनिक तरीके से इलाज होगा. लेकिन पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने उद्घाटन के नाम पर खानापूर्ति की पोल खोली है. चौबे ने इस संबंध में बिहार के मुख्यमंत्री से लेकर जेपी नड्डा तक को पत्र लिखा है.
चौबे ने कहा है कि भागलपुर में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का उद्घाटन हो रहा है लेकिन वहां मरीजों को भर्ती करने का कोई इंतजाम नहीं है. सिर्फ और सिर्फ कुछ ही विभागों का OPD चलेगा वह भी आधा अधूरा. सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल ऐसा बना है कि अगर मरीज को जांच लिखा जायेगा तो उसे जांच कराने के लिए दो किलोमीटर दूर पुराने अस्पताल में जाना होगा. दवा के लिए भी दो किलोमीटर दूर पुराने अस्पताल में ही जाना होगा. फिर ये कैसा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल होगा, जहां न मरीज भर्ती होंगे, न जांच होगी और ना दवा मिलेगी.
अश्विनी चौबे ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि इस अस्पताल का शिलान्यास 17 जनवरी 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. इस कार्यक्रम में बिहार के तत्कालीन राज्यपाल लालजी टंडन और सीएम नीतीश कुमार भी मौजूद थे. प्रधानमंत्री के हाथों अस्पताल के शिलान्यास का बोर्ड अस्पताल परिसर में लगा था. लेकिन जेपी नड्डा के कार्यक्रम के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बोर्ड ही गायब कर दिया गया. ये आम लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है.
अश्विनी चौबे ने कहा है कि नीतीश कुमार अपने स्तर से सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, भागलपुर में अगले तीन चार महीने के अंदर सभी विभाग के चिकित्सकों और चिकित्साकर्मियों की व्यवस्था करायें. इसके साथ ही इस अस्पताल में मरीजों को भर्ती करने की व्यवस्था की जाये. अगर ऐसा नहीं होता है तो वे आंदोलन का रास्ता अपनायेंगे और सत्याग्रह पर बैठेंगे.