बीजेपी विधायक दल के नेता नायब सिंह सैनी ने दूसरी बार हरियाणा के सीएम पद की शपथ ली। उन्हें राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस दौरान मंच पर पीएम मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, सीएम योगी और बीजेपी शासित राज्यों के सीएम और डिप्टी सीएम मौजूद रहें। इनके अलावा एनडीए से ललन सिंह, पवन कल्याण, चंदबाबू नायडू, चिराग पासवान भी मौजूद रहें।
सीएम सैनी के बाद बीजेपी विधायक अनिल विज ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली। वे प्रदेश में बीजेपी के सबसे वरिष्ठ विधायकों में से एक हैं। बता दें कि अनिल विज अंबाला कैंट से सातवीं बार विधायक बने हैं। वे 70 के दशक में संघ से जुड़े थे और पंजाबी बिरादरी से आते हैं।
अनिल विज के बाद किशन लाल पंवार ने मंत्री पद की शपथ ली। वे इसराना विधानसभा सीट से छठी बार विधायक बने हैं। वे खट्टर सरकार के दौरान 2015 से 2019 तक कई विभागों के मंत्री रह चुके हैं।
जाट समुदाय के महिपाल ढांडा बने कैबिनेट मंत्री
चौथे नंबर पर राव नरबीर सिंह ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली। वे चार बार के विधायक हैं और खट्टर सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं। पांचवे नंबर पर जाट बिरादरी से आने वाले महिपाल ढांडा ने कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली। महिपाल ढांडा लगातार तीसरी बार पानीपत ग्रामीण सीट से विधायक बने हैं।
फरीदाबाद सीट से विपुल गोयल ने राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ली। वैश्य समुदाय से आने वाले गोयल दूसरी बार के विधायक हैं। खट्टर सरकार में भी मंत्री रहे हैं।
शपथ पर रोक के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका
इस बीच हरियाणा में नई सरकार के शपथ की रोक को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई। याचिका में 20 सीटों पर ईवीएम में गड़बड़ी का हवाला देकर फिर से चुनाव कराने की मांग की गई थी। याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील नरेंद्र मिश्रा ने आज सीजेआई की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने मामला रखा और कोर्ट से सुनवाई की मांग की।
सीजेआई ने लगाई फटकार
इस पर सीजेआई ने कहा कि आप चाहते हैं कि हम चुनी हुई सरकार की शपथ रोक दे। आप हमारी नजर में है। हम आप जुर्माना भी लगा सकते हैं। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को चुनाव आयोग में शिकायत जमा कराने को कहा। इसके साथ ही कहा कि हम इसे लिस्ट करने पर विचार करेंगे।