लोकसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं और देश में नयी सरकार भी काम करने लगी है, लेकिन आरोपों-प्रत्यारोपों का दौर थम नहीं रहा है. विपक्ष अभी भी ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगा रहा है तो अब केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने मतदाता सूची को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं. गिरिराज सिंह का आरोप है कि लोकसभा चुनाव से पहले योजनाबद्ध तरीके से हिंदू मतदाताओं के नाम सूची से कटवाए गये.
‘मुस्लिम मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि’: गिरिराज सिंह ने आरोप लगाया है कि “ये बात सामने आई है कि कई मतदान केंद्रों पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. ऐसे में मतदाताओं को शारीरिक रूप से उपस्थित कराकर इसकी जांच कराने की आवश्यकता है.
“लोकसभा चुनाव के दौरान बड़ी संख्या में हिन्दू मतदाता वोट करने से वंचित रह गए, क्योंकि उनके नाम काट दिए गए थे. बड़े पैमाने पर हिन्दू मतदाता का मतदाता सूची में ही नाम के आगे ‘DELETE’ की मुहर लगा दी गयी. जिसके कारण मतदाता पहचान पत्र रहने के बाद भी मतदाता सूची में नाम नहीं था. जबकि दूसरी तरफ मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में मतदाता सूची में अप्रत्याशित वृद्धि देखी गयी है. यह कोई एक प्रदेश का मामला नहीं है.” गिरिराज सिंह, केंद्रीय कपड़ा मंत्री
राजमहल विधानसभा इलाके का दिया उदाहरण ‘: केंद्रीय मंत्री ने कहा कि “विधानसभा फोटो युक्त निर्वाचक नामावली का गहन पुनरीक्षण 2002 के बाद नहीं हुआ है”.उन्होंने बेगूसराय संसदीय और झारखंड के राजमहल विधानसभा क्षेत्र के एक बूथ की मतदाता सूची उदाहरण के रूप में पत्रकारों को उपलब्ध कराते हुए कहा कि “राजमहल के एक बूथ में 2019 में 672 मतदाता थे जबकि 2024 में इस बूथ पर 1461 मतदाता हो गए .जिसके कारण एक बूथ को दो बूथों में बदलना पड़ा.”
‘मतदाता पहचान पत्र को आधार कार्ड से जोड़ा जाए’: उन्होंने आरोप लगाया कि “कई मतदाताओं के नाम काट दिए गए तो उनके माता और पिता के नाम अलग -अलग बूथों में कर दिए गये. ये गहरी साजिश है और इसमें टुकड़े-टुकड़े गैंग के लोग शामिल हैं. इसकी गहन जांच होनी चहिये और सभी मतदाता पहचान पत्रों को आधार कार्ड से जोड़ दिया जाना चाहिए.”
“यह केवल दो प्रदेश का मामला नहीं है. यह सभी प्रदेशों में हो रहा है. बिहार में इस को लेकर सभी बूथों का एक सर्वे करवा रहे हैं जिसकी रिपोर्ट भी आने लगी है. चुनाव आयोग और सभी राज्यों के निर्वाचन आयोग 2014 से लेकर 2024 तक के सभी बूथों पर मतदाताओं की बढ़ी संख्या का तुलनात्मक अध्ययन करें तो स्थिति साफ हो जाएगी.”गिरिराज सिंह, केंद्रीय कपड़ा मंत्री