भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का नाम मध्य प्रदेश विधानसभा के नए अध्यक्ष के रूप में तय किया है. पार्टी की ओर से यह घोषणा सोमवार (11 दिसंबर) को किए गए सूबे के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव के नाम के ऐलान के बाद की गई है. इस बार विधानसभा चुनाव में तोमर के अलावा फग्गन सिंह कुलस्ते और प्रह्लाद पटेल ने भी चुनाव लड़ा था.
बीजेपी के कद्दावर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को दिमनी विधानसभा सीट से चुनावी दंगल में उतारा गया था. उन्होंने अपने निकट प्रतिद्वंदी बहुजन समाज पार्टी के बलवीर सिंह दंडोतिया को 24,000 से अधिक वोटों के अंतराल से हराया था.
सीएम दौड़ में भी शामिल रहे नरेंद्र तोमर
मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री की कुर्सी पाने के दावेदारों में पूर्व केंद्रीय मंत्री तोमर का नाम भी शामिल था. सीएम पद की दौड़ में निवर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा प्रह्लाद पटेल, ज्योतिरादित्य सिंधिया, वीडी शर्मा और कैलाश विजयवर्गीय आदि नेताओं के नाम भी शामिल थे.
नरेंद्र सिंह तोमर से जुड़ी ये खास 5 बातें
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नरेंद्र सिंह तोमर को जन्म 12 जून 1957 को ग्वालियर में हुआ था. वह 1980 में ग्वालियर में बीजेपी युवा मंच के अध्यक्ष बने. इसके बाद 1986 में युवा विंग भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) के मध्य प्रदेश के उपाध्यक्ष बनाए गए तो उसी साल प्रदेश अध्यक्ष के रूप में उनकी नियुक्त हुई.
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तोमर ने ग्वालियर से 1998 का विधानसभा चुनाव जीता और 2003 में फिर से चुनाव जीता. यह तब था जब बीजेपी ने कांग्रेस से सत्ता को छीन लिया था. वह उमा भारती और बाबूलाल गौर के नेतृत्व वाली बीजेपी की सरकारों में बतौर कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल हुए.
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साल 2006 में तोमर को मध्य प्रदेश बीजेपी संगठन का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. उनको 2009 में राज्यसभा में भेजा गया लेकिन बाद में उसी साल लोकसभा चुनावों में भी उनको जीत हासिल हुई. इसके बाद उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया.
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साल 2014 का लोकसभा चुनाव ग्वालियर सीट से लड़ा और दूसरी बार जीतकर नीचले सदन में पहुंचे. तोमर को नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में इस्पात, खान, श्रम और रोजगार मंत्रालय में कैबिनेट मंत्री के रूप में जगह मिली. इसके बाद मंत्रालय फेरबदल के चलते उनको 2016 में पंचायती राज, ग्रामीण विकास और पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री की जिम्मेदारी दी गई.
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नरेंद्र सिंह तोमर ने 2019 का लोकसभा चुनाव मुरैना संसदीय सीट से जीता था. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के दूसरे कार्यकाल में उनको दूसरी बार ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री बनाया गया. उनको कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय का प्रभार भी दिया गया. केंद्र सरकार में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री रहीं हरसिमरत कौर बादल (Harsimrat Kaur Badal) ने साल 2020 में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था तो उनके मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार भी तोमर को ही सौंपा गया था.