उत्तर प्रदेश का बलिया जनपद आज सुर्खियों में है. वजह पुलिस के दो बड़े अधिकारियों ने भरौली पुलिस चेक पोस्ट पर छापेमारी की। इस दौरान दो पुलिसकर्मी सहित 18 लोगों को हिरासत में ले लिया, जबकि चेक पोस्ट से 37,500 की नकदी बरामद की। यही नहीं जिस नरही थाना क्षेत्र के अंतर्गत ये चेक पोस्ट आती थी, उस थाने के प्रभारी सहित नौ पुलिसकर्मियों को भी निलंबित कर दिया गया. वहीं कोरंटाडीह पुलिस चौकी के प्रभारी समेत वहां तैनात सभी पुलिसकर्मियों को भी निलंबित कर दिया. हालांकि इन सबसे बीच सवाल ये उठता है कि आखिर ये छापमारी क्यों की गई?
नरही थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाला भरौली पुलिस चेक पोस्ट गंगा नदी पुल पर बना हुआ है. गंगा नदी उस पार से बिहार की सीमा शुरू हो जाती है. आरोप है कि यहां से बड़े पैमाने पर शराब, लाल बालू, मिट्टी और पशुओं की तस्करी की जाती है। इस तस्करी में नरही थाने के साथ-साथ आसपास की पुलिस चौकी और भरौली पुलिस चेक पोस्ट पर तैनात पुलिसकर्मी तक शामिल रहते हैं।
बीते कुछ दिनों से पुलिस अधिकारियों को शिकायत मिल रही थी कि भरौली पुलिस चेक पोस्ट पर तस्करी के नाम पर जमकर वसूली की जा रही है। शिकायत के आधार पर ही DIG आजमगढ़ वैभव कृष्ण और ADG वाराणसी जोन पीयूष मोर्डिया बुधवार-गुरुवार की मध्य रात्रि को सादे ड्रेस में सबसे पहले नरही थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले भरौली चेक पोस्ट पर पहुंचे। पुलिस अधिकारियों की गाड़ियां देख मौके पर अफरातफरी मच गई।
उस समय चेक पोस्ट पर तैनात तीन पुलिसकर्मी तो भाग निकले, जबकि दो को DIG वैभव कृष्ण की टीम ने पकड़ लिया. वहीं उसी समय चेक पोस्ट पर मौजूद 16 लोगों को भी हिरासत में ले लिया. साथ ही 37,500 रुपए की नकदी बरामद की। इसके बाद दोनों पुलिस अधिकारी टीम के साथ कोरंटाडीह पुलिस चौकी पर पहुंचे तो वहां भी वसूली हो रही थी. यह देख पुलिस अधिकारी भी सकते में आ गए, क्योंकि उनको जो शिकायत मिली थी, वो सही साबित हो रही थी। पुलिस अधिकारियों को शक गहराया तो वह नरही थाने भी पहुंच गए. थाने में वसूली का खेल चल रहा था।
पुलिस अधिकारियों को देख थाने में हड़कंप मच गया. थानाध्यक्ष सहित सभी जवान सकते में आ गए. थानाध्यक्ष तो दीवार फांदकर भाग निकले। घंटों छानबीन के बाद नरही थाने से बाहर निकले DIG वैभव कृष्ण ने बताया कि नरही थानाध्यक्ष पन्ने लाल के साथ ही थाने की कोरंटाडीह पुलिस चौकी के प्रभारी समेत वहां तैनात सभी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. 37,500 रुपए नकद और 14 बाइक भी पुलिस ने बरामद की हैं। DIG वैभव कृष्ण ने बताया कि दो पुलिसकर्मियों और 16 दलालों को गिरफ्तार किया गया है।
ये वसूली में पुलिस का सहयोग करते थे. तीन पुलिसकर्मी फरार हुए हैं. सभी के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया जा रहा है. आजमगढ़ के SP को जांच की जिम्मेदारी दी गई है। जानकारी के मुताबिक, हर रोज यहां से 1000 ट्रक गुजरते थे. हर ट्रक से 500 रुपए की वसूली होती थी. ऐसे में पांच लाख रुपए रोजाना की वसूली हो रही थी. महीने में 1.5 करोड़ की कमाई होती थी. आखिर इतनी बड़ी रकम कहां जा रही थी, ये सबसे बड़ा सवाल है।
एसपी बलिया क्या कर रहे थे, क्या उनको इसकी खबर नहीं थी। जिस वजह से आजमगढ़ और वाराणसी से अधिकारियों को आना पड़ा. एसपी बलिया की कार्यशैली पर सवाल खड़ा हो रहा है. कब से ये वसूली चल रही थी, कौन कौन एसपी रहे, ड़ेढ़ करोड़ रुपए महीने का इंस्पेक्टर अकेले डकार जाता था या उस रकम का हिस्सा लगता था. ये सवाल हैं, जिनके जवाब मिलने बाकी हैं। DIG वैभव कृष्ण ने बताया कि नरही थाना प्रभारी का कमरा भी सील कर दिया गया है और पुलिसकर्मियों के बॉक्स को खंगाला गया है।
DIG ने बताया कि नरही थाना क्षेत्र में यूपी-बिहार बार्डर पर भरौली तिराहा पर जो ट्रक आते हैं, उनसे कुछ समय से वसूली की जा रही थी. इसकी सूचना हमें मिली तो पहले उसकी रेकी की गई। इसके बाद प्लान बनाकर रेड की गई. यहां पर पुलिस की तरफ से काफी संख्या में लोग दलाली करते थे. इन लोगों की गिरफ्तारी की गई है. मौके से अभी दो पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया गया है।
दोनों अधिकारियों ने इस रेड की इतनी गोपनीयता रखी कि इसकी सूचना एसपी बलिया को भी नहीं दी. इस रेड के दौरान भरौली चेक पोस्ट पर उगाही का खेल पकड़ा गया। वहीं चौकी में तो कोई नहीं था, लेकिन चौकी इंचार्ज थाने में नरहीं थाना प्रभारी के सामने उगाही का हिसाब देते देख लिए गए।
जैसे ही पुलिसकर्मियों को पता चला कि DIG और ADG की टीम ने रेड किया, सभी पुलिसकर्मी थाना छोड़ कर भागने लगे. सूत्रों की मानें तो नरही थाना प्रभारी तो सात फीट ऊंची थाने की चाहरदीवारी कूद कर फरार हो गए।