देश की राजधानी नई दिल्ली में आतंकवाद के खिलाफ उपायों को लेकर दो दिवसीय मंथन की शुरुआत हो चुकी है। जी हां, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को ‘आतंकवाद निरोधी सम्मेलन-2024’ का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कई महत्वपूर्ण बातों का भी जिक्र किया जिसमें उन्होंने कहा कि जल्द ही भारत सरकार द्वारा ‘नेशनल काउंटर टेररिज्म पॉलिसी’ लाई जाएगी।
पिछले 10 साल में आतंकवाद के खिलाफ मिली बड़ी सफलता
इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्री ने यह भी कहा कि पिछले 10 साल में आतंकवाद के खिलाफ बड़ी सफलता हासिल हुई और 2014 के बाद कोई बड़ी आतंकवादी घटना नहीं हुई है।
आतंकवाद मुक्त भारत के लिए भारत सरकार प्रतिबद्ध
इसके साथ-साथ उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस तरीके से आतंकवाद मुक्त भारत की बात करते हैं, उसके साथ-साथ ‘जीरो टॉलरेंस पॉलिसी’ के साथ पूरी भारत सरकार इस समय प्रतिबद्ध है। उन्होंने आगे जोड़ते हुए यह भी कहा कि आज पूरी दुनिया ने मोदी जी के आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को स्वीकार किया है।
डेटाबेस की सुरक्षा और एंटी टेरर इकोसिस्टम बनाने पर दिया जोर
साथ ही साथ उन्होंने डेटा सिस्टम को मजबूत करने और तकनीक के उपयोग को और बढ़ाने की भी बात की। उन्होंने एंटी टेरर इकोसिस्टम बनाने पर जोर दिया।
एनआईए एक्ट में संशोधन कर बढ़ाया गया इसका अधिकार क्षेत्र
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, केंद्रीय आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का मतलब है, आतंकवाद के खिलाफ लड़ने वाली संस्थाओं के हाथों को कानूनी रूप से मजबूत करना। इसलिए NIA Act में संशोधन कर इसका अधिकार क्षेत्र बढ़ाया गया। अब NIA विदेश में भी जांच कर सकती है।
उन्होंने यह भी कहा कि UAPA एक्ट में संशोधन कर, इसके तहत संपत्ति जब्त करने, संगठन व व्यक्तियों को आतंकवादी घोषित करने का अधिकार दिया गया। आतंकवाद की फंडिंग को रोकने के लिए 25 सूत्रीय इंटीग्रेटेड योजना बनाई गई, जिसमें आतंकवाद के हर स्वरूप को, जिहादी आतंकवाद से लेकर पूर्वोत्तर का आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद, फेक करेंसी और नारकोटिक्स को शामिल किया गया।
उन्होंने यह भी कहा कि मल्टी एजेंसी सेंटर (MAC) के दायरे को बढ़ाया गया और इसके तहत साइबर सुरक्षा, नार्को टेरर और उभरते हुए कट्टरवादी हॉटस्पॉट की मॉनिटरिंग की SOP बनाई गई, जिसके कारण अनेक अपराधों के होने से पहले उन्हें रोकने में सफलता मिली है।