नई दिल्ली – नेशनल हेराल्ड केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी समेत कई अन्य नेताओं के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है। ईडी ने इन नेताओं के खिलाफ 988 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग (धनशोधन) के आरोप में 9 अप्रैल को राउज एवेन्यू कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल किया।
ईडी द्वारा दाखिल चार्जशीट में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ-साथ कांग्रेस ओवरसीज प्रमुख सैम पित्रोदा, वरिष्ठ पत्रकार सुमन दुबे, कंपनी यंग इंडियन, डोटेक्स मर्चेंडाइज प्रा. लि., और कांग्रेस नेता सुनील भंडारी के नाम भी शामिल हैं।
अदालत ने ईडी को निर्देश दिया है कि वह अगली सुनवाई पर केस डायरी और दस्तावेजों की स्पष्ट डिजिटल प्रति लेकर उपस्थित हो। विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 25 अप्रैल 2025 तय की है।
कांग्रेस का पलटवार – आज सड़कों पर उतरेंगे कार्यकर्ता
इस कार्रवाई को कांग्रेस ने राजनीतिक प्रतिशोध बताया है। पार्टी ने मंगलवार को ऐलान किया कि वह अपने शीर्ष नेताओं के खिलाफ की जा रही ईडी की कार्रवाई के विरोध में बुधवार (16 अप्रैल) को देशव्यापी प्रदर्शन करेगी।
पार्टी प्रवक्ता जयराम रमेश ने कहा, “यह प्रधानमंत्री मोदी द्वारा विपक्ष को डराने की कोशिश है। लेकिन कांग्रेस झुकेगी नहीं।”
रॉबर्ट वाड्रा से भी पूछताछ जारी
इसी बीच, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा से ईडी ने एक अलग मनी लॉन्ड्रिंग केस में मंगलवार को पांच घंटे तक पूछताछ की। यह मामला हरियाणा के गुरुग्राम भूमि सौदे से जुड़ा है। जांच एजेंसी ने उन्हें बुधवार को भी पेश होने के लिए कहा है।
रॉबर्ट वाड्रा ने कहा, “सच्चाई सामने आएगी। यह सब मुझे राजनीति से दूर रखने की साजिश है।”
क्या है नेशनल हेराल्ड केस?
नेशनल हेराल्ड अखबार 1938 में शुरू हुआ था। ईडी का आरोप है कि गांधी परिवार ने यंग इंडियन नाम की शेल कंपनी के जरिए अखबार से जुड़ी बहुमूल्य संपत्तियों को अवैध रूप से अपने कब्जे में लिया, जिसकी कीमत लगभग 2,000 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
इस मामले की अगली सुनवाई 25 अप्रैल को होगी, जो भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है।