हिंदू पंचांग के अनुसार, आज नवरात्रि का छठा दिन है। आज मां कात्यायनी की पूजा होगी। नवरात्रि के नवमी के दिन कन्या पूजन का विधान होता है। मान्यता है कि कन्या को मां दुर्गा का प्रतीक मानकर पूजा किया जाता है। कन्या पूजन से मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही सभी कार्य सफल हो जाते हैं। तो आज इस खबर में जानेंगे कि इस नवरात्रि में कन्या पूजन कब है, कन्या पूजन के लिए शुभ मुहूर्त कब है। साथ ही नवरात्रि में कितनी संख्या में कन्याओं की पूजन करनी चाहिए। इन सभी के बारे में विस्तार से जानेंगे। तो आइए कन्या पूजन के बारे में जानते हैं।
नवरात्रि में कब है कन्या पूजन
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नवरात्रि में कन्या पूजन का काफी अधिक महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि के समय में प्रतिपदा से लेकर नवमी तिथि तक कन्या पूजन कर सकते हैं। शास्त्र में कन्या पूजन नवरात्रि के प्रथम दिन से लेकर महानवमी तक कर सकते हैं। लेकिन बता दे कि अधिकतर लोग कन्या पूजन दुर्गा अष्टमी के दिन करते हैं या फिर महानवमी को करते हैं। पंचांग के अनुसार, इस साल कन्या पूजन 22 अक्टूबर 2023 को अष्टमी तिथि पर कन्या पूजन कर सकते हैं या फिर 23 अक्टूबर को महानवमी के दिन कर सकते हैं।
कन्या पूजन के लिए शुभ मुहूर्त
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, दुर्गा अष्टमी और महानवमी के दिन सूर्योदय के बाद मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री की विधि-विधान से पूजा की जाती है। पूजा करने के बाद हवन किया जाता है। उसके बाद कन्या पूजन किया जाता है। पंचांग के अनुसार, दुर्गा अष्टमी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है, जिसका शुभ मुहूर्त 6 बजकर 26 मिनट से लेकर शाम 6 बजकर 44 मिनट तक हैं। यदि आप कन्या पूजन करना चाहते हैं, तो 22 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 26 मिनट पर कर सकते हैं। साथ ही यदि आप महानवमी के दिन कन्या पूजन करना चाहते हैं, तो इस दिन भी सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। जिसका शुभ मुहूर्त सुबह के 6 बजकर 27 मिनट से लेकर शाम 5 बजकर 14 मिनट तक हैं। इस शुभ मुहूर्त यानी सुबह के 6 बजकर 27 मिनट के बाद आप कन्या पूजन कर सकते हैं।
पूजन में कितनी होती है कन्या की संख्या
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कन्या पूजन में 1 से लेकर 9 तक कन्याओं की पूजन कर सकते हैं। शास्त्रों के अनुसार, जितनी कन्याओं की आप पूजा करेंगे वैसे आपको फल की प्राप्ति भी होती है। मान्यता है कि यदि आप नवरात्रि के सभी दिन कन्या की पूजन करते हैं, तो 1 कन्या की पूजन करनी चाहिए। वहीं अष्टमी और महानवमी के दिन 9 कन्याओं की पूजा करनी चाहिए।