महाराष्ट्र में एनसीपी बनाम एनसीपी संकट के बीच शरद पवार ने आज दिल्ली में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है। बैठक में अजित पवार के खिलाफ प्रस्ताव पास हो सकता है। इससे पहले बुधवार को मुंबई में शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार ने अपने-अपने गुट की बैठक बुलाई थी।
दिल्ली में आज होने वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले शरद पवार के सरकारी आवास के बाहर पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनके समर्थन में पोस्टर लगाए। शरद पवार के घर के बाहर “सच्चाई और झूठ की लड़ाई में पूरा देश शरद पवार के साथ है” और “भारत का इतिहास ऐसा है कि इसने विश्वासघात करने वालों को कभी माफ नहीं किया है” जैसे पोस्टर लगे हुए हैं।
बाहुबली के कटप्पा से की अजित गुट की तुलना
उधर, शरद पवार के समर्थन में राष्ट्रवादी विद्यार्थी कांग्रेस ने भी दिल्ली में पोस्टर लगाए। एनसीपी के छात्र विंग ने फिल्म ‘बाहुबली – द बिगिनिंग’ के एक दृश्य पर डिज़ाइन किया गया एक पोस्टर लगाया है, जिसमें उसके चरित्र ‘कटप्पा’ को ‘अमरेंद्र बाहुबली’ की पीठ में छुरा घोंपते हुए दिखाया गया है।
वहीं, दिल्ली में पार्टी कार्यालय के बाहर से एनसीपी के पुराने पोस्टर और होर्डिंग हटाए जा रहे हैं, जिन पर अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल नजर आ रहे थे। वहां एक नया पोस्टर लगाया जा रहा है जिस पर ‘गद्दार’ लिखा हुआ है।
अजित ने चाचा शरद को दी रिटायरमेंट की सलाह
बता दें कि अजित पवार और शरद पवार गुट ने बुधवार (5 जुलाई) को मुंबई में अलग-अलग बैठक बुलाई थी। बांद्रा में अजित पवार ने बैठक में कहा कि दिल से लगता है कि मझे महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनना चाहिए। मैं राज्य के लोगों के भलाई के लिए ऐसा करना चाहता हूं।
इस दौरान अजित पवार ने शरद पवार को रिटायरमेंट की भी सलाह दे दी। अजित ने सरकारी कर्मचारियों और भाजपा का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा में नेता 75 वर्ष की आयु में रिटायर हो जाते हैं। अजित पवार गुट ने शरद पवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से भी हटा दिया और निर्वाचन आयोग को हलफनामे के जरिए जानकारी दी कि 30 जून को एनसीपी के सदस्यों के बहुमत के जरिए एनसीपी चीफ चुना गया है।
शरद बोले- अजित को कोई दिक्कत थी तो बात करनी चाहिए थी
उधर, शरद पवार गुट ने मुंबई के यशवंतराव बलवंतराव चव्हाण सेंटर में बैठक की। इस दौरान शरद पवार ने कहा कि अजित को कोई दिक्कत थी तो उन्हें बात करनी चाहिए थी। बता दें कि दोनों गुटों की मीटिंग के दौरान अजित पवार के मंच पर 32 विधायक दिखें जबकि शरद पवार के मंच पर 18 विधायक दिखे। कुल 53 विधायकों में से तीन ने अपना रूख साफ नहीं किया है।