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शाहाबाद से NDA का सूपड़ा साफ, विधानसभा के बाद लोकसभा चुनाव में भी करारी शिकस्त, महागठबंधन की बल्ले-बल्ले

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बिहार में लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आने लगे हैं. रुझान के मुताबिक एनडीए के सबसे मजबूत किले को महागठबंधन ने ध्वस्त कर दिया है. शाहाबाद क्षेत्र को एनडीए का सबसे मजबूत किला माना जाता था और ज्यादातर क्षेत्र एनडीए के पक्ष में आती थी. लेकिन इस बार शाहबाद क्षेत्र से एनडीए के पांव उखड़ चुके हैं।

प्रत्याशियों के चयन में प्रयोग: बिहार को जातिगत समीकरण की प्रयोगशाला कही जाती है और इस बार महागठबंधन की ओर से प्रत्याशियों के चयन में प्रयोग किया गया था. ऐसे में अब उसके नतीजे भी सामने दिख रहे हैं. शाहाबाद क्षेत्र के सत प्रतिशत सीटों पर महागठबंधन ने जीत हासिल की है।

चारों सीटों पर महागठबंधन जीती: बता दें कि शाहाबाद क्षेत्र में चार लोकसभा सीट हैं और चारों सीटों पर महागठबंधन प्रत्याशी चुनाव जीत गए हैं. आरा लोकसभा सीट पर केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता राजकुमार सिंह को सीपीआईएमएल के सुदामा प्रसाद ने चुनाव हार दिया है तो काराकाट लोकसभा सीट पर सीपीआईएमएल के राजाराम ने उपेंद्र कुशवाहा चुनाव में शिकस्त दी है।

मंत्री सुधाकर सिंह ने जीते: वहीं, बक्सर लोकसभा सीट भी भाजपा का मजबूत किला माना जाता था और लगातार बक्सर लोकसभा सीट पर भाजपा के प्रत्याशी चुनाव जीतते आ रहे थे. लेकिन इस बार राष्ट्रीय जनता दल विधायक और पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह ने मिथिलेश तिवारी को चुनाव में हरा दिया है. सासाराम लोकसभा सीट भी भाजपा के लिए मजबूत सेट माना जाता था, लेकिन इस बार भाजपा के शिवेश राम को कांग्रेस पार्टी के मनोज राम ने चुनाव में शिकस्त दी है।

पहले भी महागठबंधन ने किया सूपड़ा साफ: 2019 के लोकसभा चुनाव में NDA ने बिहार की 40 में से 39 सीटों पर कब्जा किया था. तब मगध और शाहाबाद की सभी सीटों पर भी NDA ने महागठबंधन का सूपड़ा साफ कर दिया था, लेकिन 2020 के विधानसभा चुनाव में बाजी पूरी तरह पलट गयी और महागठबंधन भारी पड़ा. ऐसे में 2024 में महागठबंधन ने बड़ा पलटफेर कर दिया।


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