बिहार में लगभग तीन सौ फर्जी कंपनियां लोगों से जमा धन ले रही हैं। वे किसी नियामक संस्थान से निबंधित नहीं और राज्य में उनका वित्तीय कारोबार अवैध है। राज्य सरकार द्वारा उन कंपनियों और उनके अधिकारियों को चिह्नित कर रही है। उनकी संपत्ति जब्त करने से लेकर गिरफ्तारी तक हो सकती है। बहरहाल जमाकर्ताओं को ऐसी कंपनियों में निवेश से बचने की सलाह दी जा रही है।
लोगों की मेहनत की कमाई लेकर चंपत हो जाती हैं कंपनियां
आम लोगों की गाढ़ी कमाई लेकर चंपत होने वाली फर्जी नन बैंकिंग कंपनी (एनबीएफसी), चिटफंड और निधि कंपनियों पर नियंत्रण के लिए अनियमित जमा योजना प्रतिबंध कानून (बड्स) बनाया गया है।
बड्स के तहत विशेषकर उन कंपनियों पर कार्रवाई होगी, जो किसी भी नियामक संस्थान से निबंधित नहीं होतीं और जमा धन लेकर चंपत हो जाती हैं। ऐसी कंपनियों के विरुद्ध कार्रवाई का अधिकार पुलिस को भी दिया गया है।
स्थानीय पुलिस को करना होगा अधीक्षक को सूचित
पुलिस उनकी संपत्ति जब्त करने से लेकर उनके अधिकारियों को गिरफ्तार तक कर सकती है। स्थानीय पुलिस को कार्रवाई के बाद पुलिस अधीक्षक को सूचित करना होगा। बड्स एक्ट के तहत इन कंपनियों पर कार्रवाई और सुनवाई के लिए प्रमंडलीय आयुक्त को सक्षम प्राधिकार बनाया गया है। सीबीआइ को रेफर करने योग्य गंभीर मामलों के लिए गृह विभाग के सचिव को नोडल अधिकारी बनाया गया है।