Earthquake

भूकंप आने पर क्या करना चाहिए…

भूकंप कभी भी आ सकता है. यह आपको संभलने का मौका भी नहीं देता है. भूकंप आने पर हमारे पास इतना समय नहीं होता है कि हम अपने बचाव के लिए दिमाग दौड़ा सकें. ऐसी स्थिति में कभी कभी दिमाग काम भी नहीं कर पाता है. ऐसे में नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (NDMA) ने लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कुछ गाइडलाइंस जारी की हैं, जिसमें बताया गया है कि अचानक भूकंप आ जाने पर आप कैसे खुद को सुरक्षित कर सकते हैं.

 

भारत के साथ साथ चीन और नेपाल में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. भारत में दिल्ली, यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश तक भूकंप महसूस हुआ. भूकंप का केन्द्र नेपाल में बताया जा रहा है.

भूकंप के दौरान जितना हो सके सुरक्षित रहने की कोशिश करें. ध्यान रखें कि कई बार ऐसा होता है कि पहले भूकंप के हल्के झटके महसूस होते हैं. फिर बड़ा भूकंप कुछ देर में आता है. ऐसे में, हल्के झटके महसूस होने पर ही अपनी हलचल कम कर दें और नजदीकी सुरक्षित पर चले जाएं. नीचे हम विस्तार से बता रहे हैं कि भूकंप आने की स्तिथि में आप क्या करें और क्या न करें.

अगर आप घर के अंदर हैं तो जमीन पर लेट जाएं. एक मजबूत टेबल या फर्नीचर के अन्य टुकड़े के नीचे खुद को कवर कर अपना बचाव करें.

अगर आपके आस-पास कोई टेबल या डेस्क नहीं है तो अपने चेहरे और सिर को अपनी बाहों से ढक लें और किसी कोने में झुककर बैठ जाएं.

भूकंप आने पर आप अपने सिर और चेहरे का बचाव करें. कांच, खिड़कियां, दरवाजे, दीवारें और जो कुछ भी गिर सकता है, उससे दूर रहें.

अगर भूकंप के समय आप बिस्तर पर हैं तो बिस्तर पर ही रहें. अपने सिर को तकिये से सुरक्षित कर लें. बिस्तर पर अगर आप किसी गिरने वाली चीज के नीचे लेटे हैं तो वहां से हट जाएं.

भूकंप के दौरान दरवाजे से बाहर भागने की कोशिश तभी करें जब वह आपके पास हो. ज्यादातर लोगों को चोटें तब ही लगती हैं जब वह इमारतों के अंदर से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे होते हैं.

भूकंप आने पर आपके घर की बिजली जा सकती है या स्प्रिंकलर सिस्टम या फायर अलार्म चालू हो सकते हैं.

अगर भूकंप के दौरान आप घर से बाहर हैं तो आप जहां पर हैं, वहां से मूव न करें. मुमकिन हो तो इमारतों, पेड़ों, स्ट्रीट लाइट्स और यूटिलिटी तारों से दूर किसी खुली जगह पर चले जाएं.

भूकंप के दौरान सबसे बड़ा खतरा इमारतों से हैं, अधिकांश मौकों पर दीवारों के गिरने, कांच के उड़ने और वस्तुओं के गिरने से चोट लग जाती है.

अगर आप चलती गाड़ी में हैं तो सुरक्षा अनुमति मिलते ही रुकें और अपनी गाड़ी में ही बैठे रहें. इमारतों, पेड़ों, ओवरपास और तारों के पास या नीचे रुकने से अपना बचाव करें.

भूकंप के झटके रुकने के बाद सावधानी से आगे बढ़ें. सड़कों, पुलों या रैंप से बचाव करें जो भूकंप से क्षतिग्रस्त हो सकते हैं.

अगर आप मलबे के नीचे फंस गए हों तो एक रूमाल या कपड़े के साथ अपना मुँह ढक लें. किसी पाइप या दीवार पर टैप करें, जिससे बचाव दल आपको ढूंढ सकें. अगर मौका लगे तो सीटी का इस्तेमाल करें. केवल अंतिम उपाय के रूप में चिल्लाएं, क्योंकि चिल्लाने से आप धूल इन्हेल कर सकते हैं.

 


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Kumar Aditya

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