बिहार के मुजफ्फरपुर से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे पढ़ने के बाद आप भी हैरान हो जाएंगे। दरअसल एक बच्चे की ड्रेसिंग के दौरान डॉक्टर ने टांका लगाने वाली सुई को बच्चे के पैर में ही छोड़ दिया और उसके ऊपर से प्लास्टर भी कर दिया। बच्चे के पैर में जब दर्द बढ़ा तो उसके माता-पिता ने उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इसका खुलासा हुआ। समय रहते सुई के बारे में पता चलने के कारण बच्चे का पैर कटने से बच गया और उसका इलाज किया गया।
क्या है पूरा मामला?
पिछले साल 24 नवंबर को मिनापुर प्रखंड के धरमपूर पंचायत क्षेत्र में एक प्राथमिक विद्यालय में एक पेड़ का डाल बच्चों के ऊपर गिर गया था। इस दौरान 7 बच्चे घायल हो गए थे। घटना के तुरंत बाद उन्हें इलाज के लिए SKMCH में भर्ती कराया गया। इस घटना में एक बच्चा गंभीर रूप से घायल हुआ था जिसकी ड्रेसिंग के दौरान डॉक्टर ने टांका लगाने वाली सुई को छोड़ दिया और ऊपर से प्लास्टर कर दिया। इसके बाद बच्चे के पैर में दर्द बढ़ने लगा और उसकी हालत बिगड़ने लगी।
इसके बाद बच्चे के परिजनों ने उसे बेहतर इलाज के लिए PMCH लेकर पहुंचे मगर वहां भी उन्हे किसी प्रकार की मदद नहीं मिली। इसके बाद बच्चो को लेकर उसके परिजन एक निजी अस्पताल में पहुंचे। वहां बच्चे के पैर का एक्स रे किया गया तो पता चला कि उसके पैर में एक सुई है। इसके बाद बच्चे का तुरंत इलाज करके उस सुई को निकाला गया।
बच्चे की मां ने कही ये बात
इस पूरे मामले में जब बच्चे की मां से बात की गई तो उन्होंने बताया कि, ‘स्कूल की घटना के बाद बच्चे का इलाज SKMCH में करवाया और उसे घर लेकर आ गए। इसके बाद बच्चे के पैर में दर्द बढ़ा तो उसका दूसरी जगह इलाज करवाया। वहां पता चला कि पैर में सुई को छोड़ दिया गया है। इलाज करके सुई निकाल लिया गया है, जिससे बच्चे का पैर कटने से बच गया।’
सिविल सर्जन ने कार्रवाई पर क्या कहा?
इस मामले में जब सिविल सर्जन डॉ. ज्ञान शंकर से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि, ऐसा एक मामला संज्ञान में आया है। मगर अभी कोई शिकायत नहीं आई है। अगर हमें शिकायत मिलती है तो जांच करके कार्रवाई की जाएगी। चूंकि मामला SKMCH से जुड़ा हुआ है तो पूरे मामले की जानकारी ली जाएगी।