नीट पेपर लीक कांड को लेकर पूरे देश में माहौल गर्म हो गया है। पेपर लीक की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया गया है। सीबीआई की टीम ने जांच भी शुरू कर दी है और कई लोगों को इस मामले में गिरफ्तार भी किया जा चुका है। नीट के बाद अब केंद्र की मोदी सरकार ने पोस्टल विभाग में फर्जी बहाली की भी जांच शुरू कर दी है।
जांच के बाद पूर्वी चंपारण में 19 फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी कर रहे कर्मचारियों को सरकारी नौकरी से वंचित कर दिया है। पोस्टल विभाग में नए बहाल डाककर्मी के सर्टिफिकेट की जांच कराई गई तो 19 कर्मियों के सर्टिफिकेट फर्जी निकले हैं। जिसमें 16 कर्मी जम्मू कश्मीर और 3 ने प. बंगाल से अपना सर्टिफिकेट बनवाए थे। सबसे खास बात यह रही कि जम्मू कश्मीर से प्रमाणपत्र लाये सभी अभ्यर्थियों का एक ही अंक 495 अंकित था।
डाक अधीक्षक डॉक्टर आशुतोष आदित्य ने बताया कि पूर्वी चंपारण में एक बड़ा रैकेट काम कर रहा है, जो फर्जी सर्टिफिकेट लाकर पोस्टल विभाग में लोगों की नौकरी लगाता है। उनके सर्टिफिकेट की जांच की गई है। फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी हासिल करने वाले लोगों के खिलाफ विभिन्न थानों में केस दर्ज कराया गया है और 19 डाक कर्मियों को सेवा से मुक्त कर दिया गया है। वहीं और भी डाक कर्मियों की जांच की जा रही है। जो लोग भी इसमें सलिप्त होंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी।
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