ईओयू की टीम ने सिपाही बहाली पेपर लीक मामले में 4 मुख्य आरोपियों को 26 जून को गिरफ्तार कर लिया। इन्हें गुरुवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश से इनको दबोचा गया है।
पकड़े गए शातिरों में पश्चिम बंगाल के 24 परगना के कौशिक कुमार, लखनऊ में जानकीपुरम के सौरभ बंदोपाध्याय, कोलकाता के न्यू बैरकपुर के सुमन बिस्वास और नार्थ 24 परगना के संजय दास शामिल हैं। ये सभी कोलकाता की कालटेक्स मल्टीवेंचर प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक हैं। इसी कंपनी को सिपाही बहाली के प्रश्न-पत्र छापने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। जांच में पता चला कि इसके पास अपनी कोई प्रिंटिंग प्रेस नहीं है। कंपनी का रजिस्टर्ड कार्यालय एक कमरे में चलता है। असल में यह फर्जी कंपनी है।
ठेका मिलने के बाद इस कंपनी ने प्रश्न पत्र छापने का काम ब्लेसिंग सिक्योर्ड प्रेस प्राइवेट लिमिटेड को दिया, जो नियम विरुद्ध है। इस कंपनी का मालिक कौशिक कर पहले से गिरफ्तार है। इस कंपनी का नाम दूसरे कई राज्यों के पेपर लीक से जुड़ा हुआ है। गौरतलब है कि सिपाही भर्ती मामले में भी संजीव मुखिया गिरोह का हाथ है।