नीट पेपर लीक मामले को लेकर एक नया खुलासा हुआ है, जिसमें प्रोफेसर द्वारा सबसे पहले संजीव मुखिया को प्रश्न पत्र देने की बात सामने आई है। इस कारनामे में पटना और रांची के छात्र भी मौजूद थे, जिन्होंने नीट पेपर में पूछे गए प्रश्नों का उत्तर लिखा। केवल उन्हीं प्रत्याशियों को रटाया जवाब, जिससे पैसे लिए गए थे।
दरअसल, संजीव मुखिया को किसी प्रोफेसर ने मोबाइल पर नीट का पेपर भेजा था। लर्न प्ले स्कूल एंड ब्वॉयज हॉस्टल में पटना और रांची के एमबीबीएस छात्र भी शामिल थे, जिन्होंने नीट पेपर में पूछे गए प्रश्नों का उत्तर लिखा। सूत्रों से जानकारी मिली है कि पटना के खेमनीचक स्थित लर्न प्ले स्कूल एंड ब्वॉयज हॉस्टल में 20 से 25 प्रत्याशियों को ठहराया हुआ था। केवल उन्हीं प्रत्याशियों को प्रश्न पत्र व उतर मुहैया करवाए गए, जिनसे पैसे लिए गए थे। नीट पेपर लीक मामले में बिहार पुलिस और राज्य की इकोनॉमिक ऑफेंस यूनिट (EOU) और तेज हो गई है। दिन प्रतिदिन नए-नए तथ्य सामने आ रहे हैं। अब तक सिकंदर यादवेंदु और अमित आनंद नीट पेपर लीक मामले के मुख्य आरोपियों में शामिल हैं। अब बिहार पुलिस को इस मामले में संजीव कुमार की तलाश है।
वहीं इस पूरे मामले का मास्टर माइंड बताया जा रहा है। संजीव मुखिया नगरनौसा का रहने वाला है। बिहार पुलिस और ईओयू का मानना है कि नीट का पेपर अगर सबसे पहले कहीं पहुंचा तो वह संजीव मुखिया के पास पहुंचा। इस पूरे मामले में संजीव मुखिया, प्रभात रंजन ( संजीव मुखिया का करीबी) और एक प्रोफेसर की हस्तक्षेप सामने आ रही है। सूत्रों की माने तो ईओयू ने आरोपी प्रोफेसर की पहचान भी कर ली है।