पटना: देश भर में सनसनी फैलाने वाले NEET पेपर लीक मामले के मास्टरमाइंड संजीव मुखिया को बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने गुरुवार को पटना से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस जिसे नेपाल सहित कई अन्य जगहों पर तलाश रही थी, वह राजधानी पटना के सगुना मोड़ इलाके में एक अपार्टमेंट में छिपा हुआ था।
गुरुवार देर रात मिले इनपुट के आधार पर EOU ने कार्रवाई करते हुए इलाके की घेराबंदी कर संजीव मुखिया को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद आर्थिक अपराध इकाई ने कोर्ट से उसकी पांच दिन की रिमांड की मांग की थी। कोर्ट ने इस पर सुनवाई करते हुए फिलहाल 36 घंटे की रिमांड मंजूर की है।
अब EOU की टीम शनिवार को बेऊर जेल से संजीव मुखिया को रिमांड पर लेगी और अगले 36 घंटों तक उससे सघन पूछताछ करेगी। पूछताछ के दौरान टीम का मुख्य फोकस पेपर लीक के नेटवर्क, अन्य आरोपियों की भूमिका और पूरे गिरोह के काम करने के तरीके को उजागर करने पर रहेगा।
कई महीनों से फरार था संजीव मुखिया
संजीव मुखिया की तलाश में पुलिस लंबे समय से जुटी हुई थी। पहले उसके नेपाल भागने की आशंका जताई जा रही थी, लेकिन वह पटना में ही छिपा मिला, जिससे सुरक्षा एजेंसियों पर भी कई सवाल खड़े हो गए हैं। गिरफ्तारी के बाद अब EOU को उम्मीद है कि पेपर लीक गैंग के कई राज खुल सकते हैं।
रिमांड पर पूछताछ के दौरान मुख्य फोकस बिंदु:
- पेपर लीक की पूरी साजिश किसने और कैसे रची?
- किन-किन लोगों की इसमें सक्रिय भूमिका थी?
- क्या कोई बड़े स्तर पर सरकारी या निजी संस्थानों के लोग भी इसमें शामिल हैं?
- लीक पेपर किन राज्यों और किन उम्मीदवारों तक पहुंचाया गया?
NEET पेपर लीक ने मचाई थी देशभर में हलचल
NEET परीक्षा में पेपर लीक का मामला सामने आने के बाद देशभर में छात्रों और अभिभावकों में भारी आक्रोश देखने को मिला था। कई राज्यों में छात्रों ने निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी। इस घटना ने देश की सबसे प्रतिष्ठित मेडिकल प्रवेश परीक्षा की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
EOU की ओर से यह भी संकेत दिए गए हैं कि यदि जरूरत पड़ी तो संजीव मुखिया के रिमांड की अवधि बढ़ाने के लिए फिर से कोर्ट का रुख किया जाएगा।