नेपाल सरकार ने अपने नए नोट को छापने का टेंडर चीन की कंपनी को दिया है। इस संबंध में नेपाल राष्ट्र बैंक के साथ चीन की कंपनी का समझौता होने जा रहा है। कुछ महीने पहले ही नेपाल सरकार ने अपने नए नोट को विवादास्पद नक्शा सहित प्रकाशित करने का फैसला लिया था।
नेपाल राष्ट्र बैंक के प्रवक्ता डॉ. गुणाकर भट्ट ने बुधवार को बताया कि करीब 3000 करोड़ से अधिक मूल्य के नोट को छापने के लिए चीन की एम एस चाइना बैंक नोट प्रिंटिंग एंड मेनिटिंग कॉरपोरेशन को दिया गया है। प्रवक्ता ने बताया कि नोट के प्रकाशन के लिए ग्लोबल टेंडर निकाला गया था, जिसके बाद चीन की कंपनी को देने का निर्णय किया गया है। करीब 72 लाख अमेरिकी डॉलर में नेपाल के 10, 20 और 50 का नोट छापने के लिए टेंडर दिया गया है।
नेपाल राष्ट्र बैंक के मुताबिक चीन की कंपनी में छपने वाले नए नोट में नेपाल का विवादास्पद नक्शा दिखाए जाने का निर्देश है।
गौरतलब हो, भारत के उत्तराखंड के लिपुलेक और लिंपियाधुरा पर अपना दावा करते हुए तत्कालीन केपी ओली की सरकार ने नया नक्शा जारी किया था। अब देश के नोट में भी उस नक्शा को छापने के लिए सरकार ने नीतिगत निर्णय लिया। यह मामला काफी विवादित है, क्योंकि लिपुलेख, लिंपियाधुरा और कालापानी पर भारत अपना अधिकार जताता है और ऐतिहासिक रूप से ये भारत के हिस्से में भी रहे हैं।