नेपाल में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ और लैंडस्लाइड से बड़े पैमाने पर तबाही हुई है। यहां बाढ़ और भूस्खलन के कारण मरने वालों की संख्या बढ़ कर 200 के पार हो गई है। अभी भी करीब चार दर्जन से अधिक लोग लापता हैं। भूस्खलन की चपेट में फंसे शवों को निकालने का काम जारी है। बाढ़ का पानी कम होने के साथ ही लोगों के खाने-पीने की व्यवस्था में सरकार जुट गई है। नेपाल में गुरुवार से लगातार बारिश हो रही है। इसकी वजह से पूर्वी और मध्य नेपाल के कई इलाके जलमग्न हो चुके हैं।
आईसीएमओडी द्वारा शनिवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि काठमांडू की मुख्य नदी बागमती शुक्रवार और शनिवार को पूर्वी तथा मध्य नेपाल में मूसलाधार बारिश के बाद से खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बंगाल की खाड़ी में कम दबाव की प्रणाली और मानसून की स्थिति के कारण शनिवार को असाधारण रूप से तीव्र वर्षा हुई। वहीं, वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण पूरे एशिया में बारिश की मात्रा और समय में बदलाव आ रहा है।
नेपाल के कई हिस्सों में हो गया जनजीवन ठप
बाढ़ और भूस्खलन के कारण नेपाल के कई हिस्सों में जनजीवन ठप हो गया है। कई राजमार्ग और सड़कें अवरुद्ध हैं, सैकड़ों मकान और पुल बह गए हैं और सैकड़ों परिवार विस्थापित हो गए हैं। सड़क अवरुद्ध होने के कारण विभिन्न स्थानों पर हजारों यात्री फंसे हुए हैं।
बाढ़ और भूस्खलन के कारण मरने वालों की संख्या बढ़ कर 204
गृह मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक बाढ़ और भूस्खलन के कारण मरने वालों की संख्या बढ़ कर 204 हो गयी है। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ऋषिराम तिवारी ने बताया कि देशभर से सोमवार सुबह 11 बजे तक जो आंकड़े मिले हैं उसके मुताबिक अब तक 204 लोगों का शव बरामद किया जा चुका है। मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि अब तक चार दर्जन लोगों के लापता की सूचना मिली है।
49 लोगों के अब तक लापता होने की जानकारी मिली है
गृह मंत्रालय के विपद व्यवस्थापन महाशाखा के पास जो आंकड़े देशभर से प्राप्त हुए हैं उनमें 49 लोगों के अब तक लापता होने की जानकारी मिली है। प्रवक्ता तिवारी ने बताया कि इस समय करीब 200 घायल लोगों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है। बाढ़ और भूस्खलन में फंसे करीब चार हजार लोगों को बचाया गया है। प्रवक्ता बताया कि सरकार की प्राथमिकता बेघर हुए लोगों के लिए अस्थाई आवास की व्यवस्था करना है। उन्होंने बताया कि आज ही प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के नेपाल पहुंचते ही होने वाली कैबिनेट बैठक से अस्थाई आवास बनाने के लिए प्रभावित लोगों को पहली किस्त देने का फैसला कर लिया जाएगा।
काठमांडू से बाहर जाने के सारे राजमार्ग बंद
इसके अलावा सरकार की प्राथमिकता राजमार्ग का संचालन भी है। चूंकि तीन दिनों के बाद नवरात्र (घटस्थापना) की शुरुआत हो रही है और काठमांडू से करीब 10 लाख लोग सड़क के रास्ते अपने-अपने घर के लिए जाते हैं। इस समय काठमांडू से बाहर जाने के सारे राजमार्ग बंद हैं। सरकार की प्राथमिकता इनको संचालित करने की है। ताकि दशहरे के अवसर पर लोग अपने गांव और अन्य शहर को जा सकें।