बिहार में शिक्षकों के लिए शुक्रवार को नई गाइडलाइन जारी की गई है। अब टीचर्स को वर्तमान पोस्टिंग और चॉइस पोस्टिंग के बीच की दूरी बतानी होगी। ई-शिक्षा पोर्टल पर सारी जानकारी डालने के बाद टीचर्स अपना लिखित आवेदन स्कैन कर अपलोड करेंगे। इसके बिना फॉर्म सबमिट नहीं माना जाएगा।
इस नई गाइडलाइन के अनुसार ट्रांसफर लेने के लिए टीचर को कुल 7 ऑप्शन भरे जाएंगे। इन्हीं के आधार पर टीचर का ट्रांसफर होगा। गाइडलाइन में रिक्वेस्ट फॉर ट्रांसफर ऑन स्पेशल ग्राउंड में ऐच्छिक स्थान से वर्तमान स्थान की दूरी, महिला शिक्षकों के लिए पति की पोस्टिंग, असाध्य और गंभीर बीमारी जैसे किडनी, हृदय और लीवर से ग्रसित होना आधार है।
BPSC-सक्षमता पास शिक्षक ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए अप्लाई कर सकेंगे। इसके लिए शिक्षकों को 3 विकल्प देने होंगे। नई गाइडलाइन में 10 अनुमंडल के विकल्प को खत्म कर दिया गया है। यह प्रक्रिया 1 दिसंबर से 15 दिसंबर तक चलेगी। एप्लिकेशन ऑनलाइन मोड में लिया जाएगा। जिन शिक्षकों ने अपना आवेदन सबमिट किया है, उनका आवेदन रद्द माना जाएगा। 1 लाख 20 हजार से अधिक शिक्षकों ने आवेदन दे रखा था। अब नए प्रावधान के तहत आवेदन लिया जाएगा।
मालूम हो कि, औरंगाबाद के शिक्षकों ने सरकार के ट्रांसफर पॉलिसी को लेकर याचिका दायर की थी। इस पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने फिलहाल स्टे लगा दिया है। न्यायाधीश प्रभात कुमार सिंह ने इस दायर याचिका पर सुनवाईकरते हुए यह आदेश जारी किया है। इसके बाद शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श के बाद फैसला लिया गया है. “स्थानांतरण नीति तत्काल स्थगित करने का निर्णय लिया गया है। अभी जो शिक्षक जहां हैं, वहीं नियुक्त होंगे. 5 चरण की सक्षमता परीक्षा के बाद शिक्षकों का स्थानांतरण होगा।जरूरत पड़ी तो स्थानांतरण नीति में कुछ बदलाव भी किए जाएंगे।”