बिहार के सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने का अभियान चला रहे शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने नया फरमान जारी किया है। इस नए आदेश से उन शिक्षकों पर लगाम कसा जा सकेगा जो स्कूल पहुंचने के बाद भी मनमानी करते हैं। पाठक ने एक झटके में सरकारी स्कूलों में चली आ रही वर्षों पुरानी हाजिरी सिस्टम को खत्म कर दिया है। सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र जारी कर शिक्षकों की उपस्थित दर्ज करने का नया पैटर्न सेट कर दिया है। यह अगले साल जनवरी महीने से लागू होगा।
शिक्षा विभाग की नियमित समीक्षा के दौरान अपर मुख्य सचिव ने एक बड़ा फैसला किया। 21 दिसंबर को इससे संबंधित पत्र भी सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारी के नाम जारी कर दिया। पत्र में कहा गया है कि अब स्कूलों में साल में 12 रजिस्टर में शिक्षकों की हाजिरी बनेगी। पहले एक ही रजिस्टर में 12 महीने के 12 पन्ने होते थे जिनमें शिक्षक अपना हस्ताक्षर और स्कूल आने जाने का समय दर्ज करते थे। अब इसमें बदलाव हो गया है।
नए सिस्टम के अनुसार अब प्रतिदिन एक पन्ने में स्कूल के सभी शिक्षक और कर्मी अपनी हाजिरी दर्ज करेंगे। दूसरे दिन रजिस्टर के दूसरे पन्ना का उपयोग किया जाएगा। रजिस्टर में शिक्षक अपना हस्ताक्षर और स्कूल आने का समय नोट करने के साथ स्कूल में पढ़ाई का विवरण भी दर्ज करेंगे। रजिस्टर में यह बताना होगा कि उन्होंने कितनी घंटियों में क्लास किया और किस विषय की पढ़ाई बच्चों को कारवाई। यानी प्रत्येक शिक्षक की हाजिरी पंजी में उनके नाम के आगे आठ क्लास का स्पेस बना होगा जिसमें शिक्षक घंटीवार विषय का नाम दर्ज कर अपना हस्ताक्षर करेंगे।
जारी पत्र के अनुसार हाजिरी बनाने का यह नया सिस्टम अगले साल 1 जनवरी से लागू होगा। दिसंबर में पुरानी पद्धति से ही हाजिरी बनाई जाएगी। जो टीचर हाजिरी की इस नई प्रणाली को फॉलो नहीं करेंगे उन पर कार्रवाई होगी। इस नए सिस्टम से उन शिक्षकों पर लगाम कस जाएगा जो स्कूल आने के बाद भी क्लास में नहीं जाते हैं क्योंकि, निरीक्षण के दौरान अधिकारी हाजिरी पंजी देखकर बच्चों से इसका क्रॉस वेरिफिकेशन भी करेंगे।