शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक (KK Pathak) के आदेश इस समय चर्चा का विषय बन रहे हैं. शिक्षकों और शिक्षक संघ का आरोप है कि केके पाठक के आदेश प्रताड़ित करने वाले होते हैं. वहीं केके पाठक की शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के साथ जारी जंग भी इस समय जगजाहिर है.
ऐसे में माले विधायक और शिक्षक संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष संदीप सौरव (MLA Sandeep Saurabh) ने केके पाठक पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि विधानसभा के अंदर जो जवाब शिक्षा विभाग के मंत्री दे रहे हैं. उसको लागू करने के लिए भी अपर मुख्य सचिव तैयार नहीं हो रहे हैं. हमारी मांग है कि ऐसे अधिकारी को विभाग से तत्काल हटाया जाए.
माले विधायक संदीप सौरव ने कहा, ‘TR-1 जो जारी हुआ है उसका सप्लीमेंट्री रिजल्ट सरकार को देना चाहिए. क्योंकि विभाग कोई भी बहाली निकालता है तो विभाग की जिम्मेदारी है कि उस बहाली को पूरा किया जाए. जितने सीटों पर आपने बहाली निकाली है, उतनी सीटों पर बहाली को पूरा किया जाए.
विधानसभा के अंदर हमको लिखित में ये जवाब मिला कि जो पात्र लोग नहीं होंगे या जिनका रिजल्ट कई जगह से आया होगा उन तमाम सीटों पर हम सप्लीमेंट्री रिजल्ट देंगे. मगर कल जो अखबार के माध्यम से सामने आया ये सप्लीमेंट्रील रिजल्ट जरूर दे रहे हैं, लेकिन मात्र 4700 पदों पर ही दे रहे हैं.’
‘अपर मुख्य सचिव को तत्काल हटाया जाए’
उन्होंने कहा, ‘हकीकत ये है कि एक लाख दस हजार की जो बहाली थी उसमें मात्र 90 हजार छात्रों ने ज्वाइन किया है. उसके बाद कई स्टूडेंट्स ऐसे थे, कई परीक्षार्थी ऐसे थे, जिनके डॉक्यूमेंट में कमी पाई गई. वहां के जिला शिक्षा पदाधिकारी ने एक सर्कुलर जारी करके कई छात्रों को बाहर किया. इन तमाम पदों पर, जिन पर छात्र अपात्र हो गए और जो कई जगहों पर ज्वाइन किए थे, उन सबको जोड़कर जब देने की बात शिक्षा विभाग ने कही. मगर जब हम दोबारा संपर्क उनसे कर रहे हैं तो उनका कहना है कि अपर मुख्य सचिव तैयार नहीं हो रहे हैं. हमारी सरकार से मांग है कि ऐसे अधिकारी को तत्काल विभाग से हटाया जाए.’
’20 हजार सीटों पर सप्लीमेंट्री रिजल्ट चाहिए’
संदीप सौरव ने कहा, ‘विधानसभा के अंदर जो जवाब शिक्षा विभाग के मंत्री दे रहे हैं उसको लागू करने के लिए भी अपर मुख्य सचिव तैयार नहीं हो रहे हैं. हमारी सीधी मांग थी कि इस समय कम से कम 20 हजार सीटों पर सप्लीमेंट्री रिजल्ट चाहिए. वैसे अभ्यर्थी जो न्यूनतम पात्रता को पार कर चुके हैं या कुछ नंबर से जो पहले मेरिट में नहीं आए थे उनको तत्काल दूसरी सूची जारी करने के बाद सरकार नियुक्ति दे. जहां 20 हजार की बात थी. वहां मात्र 4700 सीटों पर बहाली आ रही है. ऐसे कई सारे आदेश हो रहे हैं जहां पर शिक्षा मंत्री की बात शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव भी नहीं सुन रहे हैं.’