चिक्कबल्लापुर बेंगलुरु शहरी जिले के करीब स्थित चिक्काबल्लापुर जिले में मच्छरों में घातक जीका वायरस का पता चलने के बाद कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग हाई अलर्ट पर है। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि राज्य के 68 अलग-अलग स्थानों पर मच्छरों के शरीर में जीका वायरस की मौजूदगी का परीक्षण किया गया। इसी तरह, चिक्काबल्लापुरा जिले के छह स्थानों से नमूने लिए गए।
जीका वायरस सिद्लाघट्टा तालुक के तालाकायालाबेट्टा गांव में मच्छरों में पाया गया। स्वास्थ्य अधिकारी तुरंत कार्रवाई में जुट गए और वायरस के प्रसार को रोकने के लिए निवारक उपाय शुरू किए। स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा पहले ही विशेष बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं और अधिकारियों को प्रारंभिक चरण में संकट को कम करने के लिए स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं।
अधिकारियों ने 30 गर्भवती महिलाओं और बुखार के लक्षणों वाले सात व्यक्तियों के रक्त के नमूने एकत्र किए हैं और उन्हें परीक्षण के लिए बेंगलुरु भेजा है। नमूने तालाकायला बेट्टा गांव के पांच किमी के दायरे में स्थित गांवों से एकत्र किए गए थे। अधिकारियों ने व्यक्तिगत रूप से वेंकटपुरा, डिब्बुरहल्ली, बच्चनहल्ली, वड्डहल्ली और अन्य का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया। चिक्काबल्लापुरा जिला स्वास्थ्य अधिकारी महेश कुमार ने चिक्काबल्लापुरा जिले में जीका वायरस पाए जाने की पुष्टि की है। स्वास्थ्य अधिकारी क्षेत्र के लगभग 5,000 लोगों पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं।
जीका वायरस एक मच्छर जनित वायरल संक्रमण है। इसके लक्षण हैं- बुखार, दाने, सिरदर्द, जोड़ों का दर्द, लाल आंखें और मांसपेशियों में दर्द। इस घटनाक्रम ने चिंता बढ़ा दी है क्योंकि चिक्काबल्लापुरा जिला राजधानी बेंगलुरु के करीब स्थित है। कैसे फैलता है वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक, जीका वायरस एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। एडीज मच्छरों के काटने से ही डेंगू, चिकनगुनिया और येलो फीवर भी फैलता है। ये तीनों वायरस लगभग एक जैसे ही हैं। इन तीनों के फैलने की शुरुआत पश्चिम, मध्य अफ्रीका और दक्षिणपूर्व एशिया से हुई। जीका वायरस गर्भवती महिला से गर्भ मे पल रहे बच्चे में फैलता है।
लक्षण –
जीका वायरस के लक्षण बेहद आम हैं। इनमें शरीर पर लाल चिकत्ते पड़ना, बुखार, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द और सिर में दर्द शामिल है। जीका वायरस से संक्रमित ज्यादातर लोगों में इसके लक्षण नहीं मिलते।
बचाव –
एक्सपर्ट्स का कहना है कि जीका से संक्रमित होने के बाद पर्याप्त मात्रा में आराम और लगातार पानी पीते रहना बहुत जरूरी है। अधिक मात्रा में पानी पीने से शरीर हाइड्रेटेड रहता है और आराम करने से शरीर को ऊर्जा मिलती है।