आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे के लिए NHAI का जमीन पर कब्जा, बिहार के 7 जिलों और 16 शहरों को जोड़ेगा
बिहार को जल्द ही अपना पहला एक्सप्रेसवे मिलने वाला है, जिसका नाम आमस दरभंगा एक्सप्रेसवे है. गया में एनएचएआई को जमीन मुहैया कराने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है. डीएम डॉ त्याग राजन के आदेश पर गया जिले से गुजरने वाले फोरलेन ग्रीन फील्ड आमस-शिवराम एनएच 119डी के लिए अधिग्रहित की गई टिकारी क्षेत्र की भूमि को एनएचएआई को भौतिक रूप से कब्जा दिया गया.
NHAI का जमीन पर कब्जा : टिकारी एसडीएम सुजीत कुमार और डीसीएलआर विक्रम बेनामी समेत कई अधिकारि डीएम डॉ त्याग राजन के आदेश पर खनेटु मौजा के समीप अधिग्रहित की गई भूमि का निरीक्षण किया. भूमि पर भौतिक रूप से कब्जा भी दिलाया गया. खनेटु मौजा की कई भूखंड का अधिग्रहण किया गया था. कब्जा प्रमाण पत्र एनएचएआई के अधिकारियों को सौंप गया था. भूखंड अधिग्रहण के बाद भी भूखंड पर भौतिक रूप से कब्जा नहीं हो सका था.
189 किलोमीटर लंबी होगी आमस दरभंगा एक्सप्रेसवे: आमस दरभंगा एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 189 किलोमीटर है. यह भारतमाला परियोजना के तहत बनाया जा रहा है. एक्सप्रेसवे आमस से मथुरापुर, गुरारू,पंचानपुर और बेला होते हुए गुजरेगी. इस महत्वाकांक्षी परियोजना का उद्देश्य बिहार के ट्रांसपोर्ट सिस्टम को बदलने के साथ ही उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच संपर्क पढ़ने का है.
“गया में 55 किमी एक्सप्रेसवे का निर्माण होना है. जिस में 40 किमी का कार्य तेज गति से हो रहा है. 15 किमी में जमीन को लेकर कुछ विवाद है, लेकिन उसका भी हल किया जा रहा है. कार्य में कहीं रुकावट नहीं होगी. एनएचएआई को जमीन पर कब्जा दिलाने के लिए भौतिक रूप से दखल की प्रक्रिया भी हो रही है.”-डॉ त्याग राजन, डीएम, गया
क्या है भारतमाला परियोजना: 2017 में केंद्र सरकार ने भारतमाला प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी. इसके तहत देश में बेहतर रोड कनेक्टिविटी के लिए हाईवे और इकोनॉमिक कॉरिडोर बनाने का लक्ष्य रखा गया. भारतमाला प्रोजेक्ट, देश में हाईवे के निर्माण के लिए चलाई जा रही है एक परियोजना है. इसमें देशभर में एक मजबूत हाई-स्पीड रोड नेटवर्क तैयार की योजना है.
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